जम्मू कश्मीर / कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आगामी वार्षिक अमरनाथ यात्रा को सीमित तरीके से आयोजित करने पर जोर देते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को कहा कि सड़क मार्ग से 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा जाने के लिए रोजाना सिर्फ 500 यात्रियों को अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही इस वर्ष अमरनाथ ‘आरती’ का दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। प्रशासन ने यह भी कहा कि अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर भी केंद्र शासित क्षेत्र में प्रवेश के दौरान की जाने वाली जांच की मानक संचालन प्रक्रिया लागू होगी।
मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि इस साल यात्रा सीमित तरीके से की जाएगी जिससे यात्रा के दौरान कोविड-19 संबंधी मानक संचालन प्रक्रियाओं का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित हो सके…जम्मू से सड़क मार्ग से रोजाना अधिकतम 500 यात्रियों को ही जाने की अनुमति होगी।
उन्होंने कहा कि जम्मू एंड कश्मीर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों का सैंपल लिया जाएगा, टेस्ट किया जाएगा और उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति तभी दी जाएगी जब तक कि उनका टेस्ट नेगेटिव नहीं आता | मुख्य सचिव ने आगे कहा कि यात्रियों के लिए जो पहले उपयोग की जाने वाली कैंपिंग सुविधाएं थी उन्हें अपने क्वारंटीन सेटर्स के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है |
सुब्रह्मण्यम ने जोर देते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों के परीक्षण के साथ-साथ एसओपी यात्रियों पर भी लागू होगा. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग नॉर्म्स पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा | दो रास्तों अनंतनाग के पहलगाम और गंदेरबल के बालटाल से 42 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा 23 जून से शुरू होने वाली थी. लेकिन महामारी की वजह से इसमें देरी हुई है और साथ ही अब यात्रा केवल 15 दिन की ही होगी |