इजरायल की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है, और इस बार कारण प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नहीं बल्कि उनके बेटे याएर नेतन्याहू हैं। याएर ने एक ट्वीट में सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जामिर पर सैन्य तख्तापलट की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है, जिससे सेना और सरकार के बीच तनाव खुलकर सामने आ गया है।
याएर ने दावा किया कि जामिर ने गाजा पर पूर्ण सैन्य कब्जे की योजना का विरोध किया और सरकार के निर्णयों के खिलाफ विद्रोह का रास्ता अपनाना चाहा। हालांकि याएर का कोई आधिकारिक पद नहीं है, फिर भी यह बयान गंभीर राजनीतिक और सैन्य बहस को जन्म दे चुका है।
सेना प्रमुख जामिर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे वक्त में जब देश युद्ध की स्थिति में है, इस तरह के बयान “खतरनाक” हैं और इससे दुश्मनों को ही लाभ होगा। उनका तर्क है कि गाजा पर फुल मिलिट्री कंट्रोल से बंधकों की जान खतरे में पड़ सकती है।
विवाद के बढ़ने पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सफाई दी कि उनका बेटा “33 साल का है और अपने विचार खुद रखता है।” वहीं, रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने सेना प्रमुख का समर्थन करते हुए कहा कि वे सरकार के अनुमोदन से नियुक्त हुए हैं और युद्ध के सभी मोर्चों पर उन्होंने प्रभावशाली नेतृत्व किया है।
