छत्तीसगढ़ में सूर्यकांत तिवारी के तमाम पैतरे फेल,अडानी और पूर्व सीएम रमन सिंह का नाम लेकर बच निकलने की कवायत रह गई धरी की धरी,कोयला दलाल ने अब सरकारी गवाह बनने के लिए मारे हाथ-पांव,पढ़ें सूर्यकांत का आत्मसमर्पण वास्ते आवेदन

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रायपुर :सूर्यकांत तिवारी के आईटी-ईडी से बच निकलने के तमाम पैंतरें खाली जा रहे है|गैर कानूनी गतिविधियों से बच निकलने के लिए उसने अबकी बार उद्योगपति अडानी और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का नाम लेकर अदालत में अपना बचाव किया था|हालाँकि उसकी थ्योरी यहाँ कुछ काम नहीं आई|बल्कि अदालत को गुमराह करने कि चाल धरी की धरी रह गई|उसके हवा -हवाई दावों की पोल उस समय खुल गई जब ईडी की विशेष अदालत ने उसका रिमांड सीधे 12 दिनों के लिए स्वीकृत कर दिया|

बताया जाता है कि सूर्यकांत के आत्मसमर्पण से पूर्व गिरफ्तार किए गए,आईएएस समीर विश्नोई ,सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी तीनो की पहले दौर में 8 दिनों की जबकि दूसरी बार 6 दिनों की ईडी रिमांड कोर्ट ने स्वीकृत की थी|तथ्यों पर गौर करे तो एक ही झटके में 12 दिनों तक सूर्यकांत की ईडी रिमांड कोर्ट द्वारा स्वीकृत की गई है|साफ़ है कि ईडी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य काफी पुख्ता और कारगर साबित हुए है |

यह भी बताया जा रहा है कि सूर्यकांत ने अडानी और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का नाम लेकर मामले को राजनैतिक रंग देने की नाकाम कोशिश की थी | दरअसल,सूर्यकांत और उसके गिरोह में शामिल अफसरों के काले कारनामों की तस्दीक उनके ठिकानो से बरामद करोडो की रकम और निवेश के दस्तावेज बयां कर रहे है | ऐसे में सूर्यकांत के तमाम दावे अदालत में टॉय-टॉय फिस्स साबित हुए है |उसका दस्तावेजी शिगूफा चर्चा में है |

दस्तावेजों पर नजर दौड़ाए तो सूर्यकांत के आत्मसमर्पण के आवेदन में किए गए दावे की कंडिका 2,3 और 4 गौरतलब है | इसमें अदालत को गुमराह करते हुए अपनी अनुपातहीन संपत्ति को जायज ठहराने के लिए सूर्यकांत ने खुद को अडानी का ठेकेदार बताया है | इसमें उसने यह भी दावा किया है कि उसके पास अर्जित धन अडानी की ठेकेदारी करके प्राप्त किया गया है | उसका यह हास्यास्पद दावा सुर्खियों में है | 

इसी कंडिका में सूर्यकांत ने पूर्व की रेड में आईटी-ईडी के अफसरों के साथ जांच में सहयोग का दावा किया है | जबकि हकीकत यह है कि हाल ही में  उसके ठिकानो पर आईटी की छापेमारी के बाद उसने यह कहकर सनसनी फैलाई थी कि उसे छत्तीसगढ़ का एकनाथ शिंदे बनने का ऑफर मिला है | यही नहीं इस दौरान उसने आईटी अफसरों पर मारने पीटने और धमकाने का आरोप भी लगाया था |

सूर्यकांत तिवारी ने इस दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर आपत्तिजनक  टिप्पणी  भी की थी | यह टिप्पणी मीडिया में सुर्खियां भी बनी थी | इस दौरान किए गए रमन सिंह के एक टवीट को हथियार बनाकर सूर्यकांत ने बड़ी चालाकी से अदालत को गुमराह करने की कवायत को अंजाम दिया था | हालाँकि ईडी के शिंकजे से बच निकलने का उसका यह दांव भी काम नहीं आया | बताया जाता है कि रिमांड लिए जाने के दौरान हुई बहस में ईडी के वकीलों ने कोर्ट में उसके तमाम दावो की हवा निकाल दी |

फिलहाल पिछले 24 घंटों से सूर्यकांत से ईडी की पूछताछ जारी है| सूत्र बताते है कि सरकारी गवाह बनने के लिए हाथ-पांव मार रहे सूर्यकांत ने इस अवधि में 24 से ज्यादा ऐसे दस्तावेजों की तस्दीक की है,जो आधा दर्जन अफसरों और नेताओं के करीबी नाते-रिश्तेदारों की काली करतूतों को उजागर करते है | माना जा रहा है कि जल्द ही सूर्यकांत का कुछ अफसरों और कारोबारियों से आमना -सामना भी कराया जा सकता है | इसके लिए ऐसे सहभागियों को ईडी द्वारा न्यौता पहले ही भेजा जा चुका है |