वाराणसी वेब डेस्क / देश के सभी मंदिरों में भगवान भक्तों को दर्शन देंगे | लेकिन सीमित संख्या में भक्तों को भगवान के करीब आने का मौका मिलेगा | यही नहीं उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग बरतनी होगी | ऐसा ही नजारा देखने को मिल सकता है , मस्जिदों और गिरजाघरों में भी | यहां भी सीमित संख्या में लोग प्रार्थना कर सकेंगे | इसके लिए जल्द ही गाइडलाइन जारी होने वाली है | माना जा रहा है कि लॉकडाउन-4 मंदिर मस्जिद , गिरजाघर और गुरुद्वारा समेत अन्य धार्मिक स्थानों के लिए राहत लेकर आने वाला है |
दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगे लाॅकडाउन के कारण मंदिरों के कपाट भी बंद है। लोग घर में ही पूजा पाठ कर रहे हैं।जानकारी के मुताबिक काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर तमाम धार्मिक स्थल जल्द ही आमजन के दर्शन के लिए खुलेंगे। इसका संकेत पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने दिया है। डॉ नीलकंठ तिवारी ने वाराणसी के जिलाधिकारी से कहा कि लॉकडाउन में भविष्य में और भी छूट दी जाएगी और काशी के मंदिरों में लोग अपने आराध्य के दर्शन के लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखने के लिए प्रमुख मंदिरों के महंतों के साथ भी बैठक करें।
दरअसल भारत सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ साथ पर्यटन पर निर्भर कारोबारियों और स्थानीय आबादी को राहत देना चाहती है | इसके लिए प्रारंभिक तौर पर धार्मिक स्थलों को सीमित शर्तो के साथ खोलने पर अनुमति देने पर विचार हो रहा है | डॉ. नीलकंठ तिवारी ने निर्देश दिया है कि ज्यादा से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को रोजगार से जोड़ा जाए। कार्यदायी संस्थाओं को उनकी मांग के अनुसार श्रमिक उपलब्ध हों। उन्होंने उपायुक्त श्रम विभाग को निर्देशित किया कि जरूरत के अनुसार आवश्यकता पड़ने पर अकुशल प्रवासी श्रमिकों को प्रशिक्षण की भी व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। निर्माण कार्य एवं औद्योगिक इकाइयों में इन श्रमिकों को अधिक से अधिक संख्या में समायोजित कराने पर जोर दिया। उन्होंने डीएम से कहा कि कार्यदायी संस्थायों को श्रमिक उपलब्ध कराकर अधूरे कार्यों को समय से पूरा कराएं। देश के कई धार्मिक स्थलों पर पर्यटन की अपार सम्भवनाए है | लिहाजा सरकार लोगों को रोजगार से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जुट गई है |