दिल्ली: सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक नए जंजाल में फंसते नजर आ रहे है|उनका एक बयान अब उनके ही गले की फ़ांस बन गया है|दरअसल,कुछ दिनों पहले लखनऊ में पार्टी के अधिवेशन में यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में हार का कारण अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को बताया था| उन्होंने आयोग पर गंभीर आरोप भी लगाए थे|अब हरकत में आए चुनाव आयोग की कार्यवाही के चलते अखिलेश यादव पशोपेश में है|
चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को एक नोटिस जारी किया है|इसमें अखिलेश यादव से सबूत मांगे गए है|चुनाव आयोग ने 10 नवंबर तक अखिलेश यादव से सबूत और दस्तावेज के साथ अपने आरोपों से जुड़ा जवाब मांगा है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर अखिलेश यादव के पास ऐसी जानकारी है तो वह सिलसिलेवार पूरी जानकारी आयोग को दे|इसमें किस विधानसभा से कितने मतदाताओं के नाम काटे गए हैं इसका ब्यौरा माँगा गया है|अखिलेश ने विधानसभा चुनावों के बाद आरोप लगाया था कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने विधानसभा में करीब 20000 मुस्लिम और यादव मतदाताओं के वोट काट दिए थे|
अखिलेश ने अधिवेशन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि विधानसभा चुनाव में हर सीट पर यादवों और मुसलमानों के 20-20 हजार वोट हटवा दिए गए|उन्होंने यूपी की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरा सरकारी तंत्र मिल गया और चुनाव में समाजवादी पार्टी की मिली हुई जीत को बीजेपी की झोली में डाल दिया गया|
उन्होंने दावा किया था कि,वह पहले भी कह चुके और आज एक बार फिर से कहते हैं कि जांच करके देख लें 20-20 हजार वोट उड़ा दिए गए हैं. कई वोटरों के नाम काट दिए गए|कई लोगों का बूथ चेंज कर दिया गया. वोटरों को इस बूथ से दूसरे बूथ पर पहुंचा दिया गया|अखिलेश यादव ने कहा था कि यूपी में जो सरकार बनाई गई है वो जनता की बनाई हुई नहीं है|ये सरकार छीनी हुई है|यूपी में पूरी की पूरी मशीनरी लगाकर जनता की बनाई हुई सरकार छीन ली गई है|उनके आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने जांच शुरू कर दी है|फिलहाल अपने आरोपों की पुष्टि अखिलेश कैसे करते है, ये देखना गौरतलब होगा|