छत्तीसगढ़ में अकबर-बीरबल की खिचड़ी से हाऊसिंग बोर्ड का हाल बेहाल , भ्रष्ट्राचार में लिप्त अफसरों की बल्ले बल्ले , वैधानिक कार्रवाई ना करने के फरमान से दागियों के हौसले बुलंद , जिन्हे जेल में होना चाहिए उन्हें सरकारी कुर्सी में मलाई चाटने का मौका ,भ्रष्ट्राचार के गंभीर मामलों में भी सरकारी संरक्षण चर्चा में , देखे दस्तावेजी प्रमाणों से लैस खबर 

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रायपुर / छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड में भ्रष्ट्राचार की ऐसी फसल लहलहाई है कि इसके फल-फूल से अकबर-बीरबल की खिचड़ी का जायका बढ़ गया है | छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड में लंबित कई ऐसे गंभीर मामले है , जिन्हे पूर्ववर्ती बीजेपी शासनकाल में कांग्रेस ने विधानसभा में उठाकर सत्ताधारी दल की बोलती बंद कर दी थी | लेकिन अब इन मामलों को लेकर कांग्रेस की बोलती बंद है | बीते दो सालों में विभागीय मंत्री ने हाऊसिंग बोर्ड को भ्रष्ट्राचार से मुक्त करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए है | नतीजतन दागी अफसरों के हौसले बुलंद है | उन्होंने साफ़ कर दिया है कि भविष्य में वे ही अकबर-बीरबल के अरमानों को पूरा करेंगे | लिहाजा अब वे कानून से ऊपर है | 

भिलाई की तालपुरी योजना में भ्रष्ट्राचार और घटिया निर्माण कार्य से जुड़ा मामला हो या फिर रायपुर के वीआईपी रोड स्थित क्वींस क्लब का या फिर हिमालयन हाइट्स , अभिलाषा परिसर , खारुन प्रोजेक्ट और सेज बहार में एक परिवार के कई लोगों को मकान आवंटित किये जाने का मामला हो , इन सभी मामलों में कुख्यात रहे अपर आयुक्त क्रमशः  एच के वर्मा ,एच के जोशी , एमडी पनारिया और संपदा अधिकारी एमएस शेख के खिलाफ किसी भी तरह की वैधानिक कार्रवाई ना किये जाने की सैद्धांतिक सहमित से लोग हैरत में है | बताया जा रहा है कि क्वींस क्लब के निर्माण और विधायक कालोनी के लिए आवाजाही के मार्ग हेतु जमीन की अदला-बदली के मामले में दस्तावेजी प्रमाण होने के बावजूद अकबर-बीरबल ने अपनी आँखे मूंद ली है | दागियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से हाऊसिंग बोर्ड के ईमानदार अफसरों में मायूसी छाई हुई है | वे इस तथ्य को लेकर हैरत में है कि भ्रष्ट्राचार का बोलबाला होने के चलते इसका सीधा असर हाऊसिंग बोर्ड की भविष्य की योजनाओं पर पड़ेगा | 

एच के वर्मा

गौरतलब है कि अपर आयुक्त एच के वर्मा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ नाते रिश्तेदारी का हवाला देकर वैधानिक कार्रवाई से बच निकलने में जुटा है , वही उसके बाकी साथी उसके साथ ही कदम ताल कर रहे है | उधर भ्रष्ट्राचार से घिरे आरोपी एच के वर्मा की बिलासपुर हाईकोर्ट से जमानत रद्द हो चुकी है | जबकि जिन कांग्रेसी नेताओं से उसने अपनी नातेदारी का दावा किया है , उन्होंने भी उससे दूरियां बना ली है | उन्होंने साफ़ कर दिया है कि भ्रष्ट्राचार के मामलों में वे बिल्कुल भी संरक्षण नहीं दे रहे है | रायपुर के तेलीबांधा थाने में अपर आयुक्त एच के वर्मा के खिलाफ 420 सी का प्रकरण दर्ज है | इस मामले में उनकी गिरफ्तारी को लेकर अकबर-बीरबल ने कोई रूचि नहीं दिखाई है | आखिर जिम्मेदार मंत्री और अफसरों की भ्रष्ट्राचार के मामलों को लेकर इतनी बेरुखी क्यों है ? यह खोज का विषय है | फ़िलहाल तो न्यूज़ टुडे के हाथ लगे उन दस्तावेजों पर गौर फरमाइए , जो रायपुर के अय्याशी के अड्डे के रूप में क्वींस क्लब के नाम से बदनुमा दाग साबित हुआ है | दस्तावेज बताते है कि अपर आयुक्त एच के वर्मा की भ्रष्ट्राचारपूर्ण कार्यप्रणाली के चलते जमीन की अफरा-तफरी कर विधायक कॉलोनी में निवासरत जन प्रतिनिधियों को भी नहीं बख्शा गया |