
भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में एक बड़ा राजनीतिक मोड़ देखने को मिला, जब शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया। पार्टी का कहना है कि पंजाब इस समय भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, जहां लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, फसलें और घर नष्ट हो गए हैं। इसके बावजूद न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया।
शिअद ने एक्स पर लिखा, “राज्य का लगभग एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। यह मानव निर्मित त्रासदी है, जो पंजाब सरकार की लापरवाही और अक्षमता का नतीजा है। पंजाबियों की मदद के लिए न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र आगे आया।” पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह पंजाब की जनता की भावनाओं की आवाज उठाते हुए इस चुनाव से दूरी बनाएगी।
गौरतलब है कि लोकसभा में बठिंडा सांसद हरसिमरत कौर ही शिअद की एकमात्र प्रतिनिधि हैं, जबकि राज्यसभा में पार्टी का कोई सदस्य नहीं है। शिअद के अलावा बीआरएस और बीजद ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाई। बीआरएस का कहना है कि तेलंगाना के किसानों की अनदेखी की गई, वहीं बीजद ने एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों से समान दूरी रखने का तर्क दिया।
इस चुनाव में एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी इंडिया ब्लॉक की ओर से पूर्व जज बी. सुधर्शन रेड्डी उम्मीदवार हैं। भाजपा नेताओं का दावा है कि एनडीए उम्मीदवार को 427 वोट मिलेंगे, जबकि कांग्रेस विपक्षी उम्मीदवार को 324 से अधिक वोट मिलने की उम्मीद जता रही है।
पंजाब बाढ़ की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है और स्वास्थ्य सेवाओं को 780 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।