1 जून को दिल्ली से हांगकांग जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-314 में यात्रियों को एक असामान्य और असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। उड़ान शुरू होने के करीब एक घंटे बाद बोइंग 787 विमान के एक दरवाजे से फुफकारने और गुर्राने जैसी आवाजें आने लगीं, जिससे यात्री घबरा गए।
फ्लाइट क्रू ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दरवाजे के ऊपरी हिस्से में पतली जगह में नैपकिन डालकर आवाज को कम किया। विमान ने अपनी यात्रा जारी रखी और सुरक्षित रूप से हांगकांग में लैंड किया। एयर इंडिया ने स्पष्ट किया कि दरवाजे की यह आवाज सजावटी पैनल से थी, न कि मुख्य सील से, और यात्रियों की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ा।
यह घटना बोइंग 787 विमानों में दरवाजों की आवाज से जुड़ी पहली नहीं है। 2019 से अब तक जापान एयरलाइंस, जर्मनी की TUI एयरलाइंस और अमेरिकन एयरलाइंस में भी इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। कई मामलों में उड़ानों को वापस लौटना पड़ा।
एक यात्री ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ऐसा लगा जैसे हवा का दबाव दरवाजे की सील को हिला रहा हो।” विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे विमान ऊंचाई पर उड़ता है, अंदर और बाहर के दबाव में अंतर से दरवाजे की सील पर असर पड़ सकता है। बोइंग 787 में प्लग-टाइप, इलेक्ट्रॉनिक दरवाजे लगे होते हैं, जो पुराने मैनुअल दरवाजों से अलग होते हैं।
