लगता है सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी राम मंदिर का मुद्दा सुलझा नहीं है। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने फैसले को चुनौती देने का ऐलान किया है । इससे पहले लखनऊ में आल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की मीटिंग हुई, जिसमें इस बात का फैसला लिया गया । मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक लखनऊ के मुमताज पीजी कालेज में हुई । बोर्ड ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हें मंजूर नहीं है, वो निर्धारित जगह के स्थान पर किसी अन्य जगह पर मस्जिद को कबूल नहीं करेंगे । अयोध्या मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज अपना पक्ष रखा है |
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे | सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे | बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा है कि कई मुद्दों पर फैसला समझ से परे है | इसके अलावा AIMPLB ने कहा कि उसे मस्जिद के बदले दूसरी जगह पर दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन भी मंजूर नहीं है | AIMPLB का कहना है कि वे दूसरी जमीन पाने के लिए अदालत नहीं गए थे, उन्हें वही जमीन चाहिए जहां पर बाबरी मस्जिद बनी थी | AIMPLB के सदस्य कासिम रसूल इलियास ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कुल 10 बिंदुओं पर फैसले को लेकर सवाल उठाए और कहा फैसले में कई खामियां हैं इसलिए इस पर पुनर्विचार याचिका जरूरी है | रविवार को AIMPLB की बैठक में 45 सदस्य शामिल हुए |
AIMPLB ने कहा कि हम मस्जिद के बदले जमीन नहीं लेंगे, शरीयत के हिसाब से हमें ऐसा कोई हक नहीं है क्योंकि शरीयत के मुताबिक एक बार जो मस्जिद हो गई वह आखरी समय तक मस्जिद ही होती है | उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार दायर करने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है | AIMPLB ने यह भी तय किया है कि राजीव धवन ही सुप्रीम कोर्ट में उनके इस केस की पैरवी करेंगे | AIMPLB सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में फैसला आने के 30 दिन के अंदर यानी कि 9 दिसंबर से पहले पुनर्विचार याचिका दायर करेगा |
वहीं इस मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा है कि वे कोर्ट का सम्मान करते हैं और इस मामले के दूसरे पक्षकारों की ओर से दायर किये जाने वाले पुनर्विचार याचिका से उनका कोई लेना-देना नहीं है |
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
देश के सबसे बड़े मुकदमे में आए फैसले में 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला विराजमान को दिया था | इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में दूसरी जगह पर मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था | फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को तीन महीने के अंदर एक न्यास बनाने को कहा था |