देश-विदेश में चर्चित चारधाम यात्रा में उम्र का बंधन, 50 वर्ष पूरे करने वालों को ‘ऊपर’ जाने से बचाने का प्रबंध, श्रद्धालु हो जाये सतर्क, ग्लोबल वॉर्मिंग से पहाड़ों में बदलता मौसम….

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देहरादून: चारधाम यात्रा में इस बार रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है। पहाड़ों के ऊपरी हिस्सों में ढकी बर्फ की चादर से चारधाम यात्रा का दर्शय मनमोहक नजर आ रहा है। सुबह से ही ऐतिहासिक मंदिरों में भक्तों का तांता लग रहा है। महा कुंभ की अपार सफलता के बाद सम्पूर्ण उत्तराखंड में श्रद्धालुओं का जमघट अभी से लगने लगा है। यहाँ के बाजार भी तैयार है, तो साधु-संतों के आश्रमों और धर्मशालाओं में श्रद्धालुओं के ठहरने से लेकर खाने-पीने का मुफ्त इंतजाम भी किया गया है।

देशभर के कई लोगों ने चारधाम यात्रा के दौरान भंडारे आयोजित कर अभी से अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी है। पहाड़ों के ऊपर सेवादारों के साथ-साथ सैलानी और श्रद्धालुओं की भीड़ से चारधाम यात्रा देश-विदेश का ध्यान खींच रही है। हालांकि चारधाम यात्रा में यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल 2025 को खुलेंगे। इसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट 02 मई 2025 को खुलेंगे। जबकि बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को खुलेंगे। यहाँ तमाम टूरिस्ट स्पॉट में आने वाले 3 महीनों की बुकिंग हाउसफुल चल रही है। होटल-लॉज, टेंट में टूरिस्टों की जेबे ढीली हो रही है।

पहाड़ों पर ग्लोबल वॉर्मिंग का काफी असर देखा जा रहा है। पिछले वर्षों की तुलना में ऊपरी हिस्सों से लेकर निचले भू-भागों तक जहाँ बर्फबारी में कमी दर्ज की गई है, वही कई इलाकों में मौसमी बदलाव भी अनुभव किये जा रहे है। पहाड़ों में गर्मी भी असर दिखा रही है, दोपहर का तापमान कभी सामान्य से कम तो कभी तेजी से औसत से अधिक की ओर बढ़ रहा है। बावजूद इसके सम्पूर्ण उत्तराखंड बर्फ की चादर के साथ प्राकृतिक सुंदरता का एहसास करा रहा है। कई शादीशुदा जोड़े यहाँ अपने नव-जीवन की शुरुआत करने के लिए देवभूमि को नमन करने पहुँच रहे है।

इस बीच सरकार ने 50 साल से ज्यादा उम्र के श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य कर दी है। यात्रा शुरू होने के पूर्व हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग समेत कई मुख्य पड़ाव पर ही श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच के लिए पुख्ता प्रबंध भी किये गए है। जानकार तस्दीक करते है कि दिल के मरीज अपनी जरूरी दवाइयों के साथ ही यात्रा पर निकले। 

चारधाम यात्रा सरल और सुगम हो सके इसके लिए श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर काफी जोर दिया जा रहा है। देश-विदेश के कई डॉक्टर यहाँ निशुल्क सेवा देने के लिए अभी से डट गए है। आश्रमों से लेकर विभिन्न धर्मशालाओं में डेरा डाल कर उन्होंने जरूरी मेडिकल सहायता के लिए संपर्क साधा है। हालाँकि उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा मार्ग पर 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी) और 31 स्वास्थ्य जांच केंद्र स्थापित किये है।

इन केंद्रों में श्रद्धालुओं को उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जांच की जाएगी। सूत्र तस्दीक करते है कि कोरोना संक्रमण के बाद हार्ट अटैक की घटनाओं में तेजी देखी गई है। इससे आगाह होकर कई साधु-संतों ने अपने डॉक्टर शिष्यों को पूरे समय चारधाम यात्रा में डटे रहने का फरमान भी सुनाया है। कई नामी गिरामी डॉक्टर यहाँ सेवाएं देने पहुंचे है।