नई दिल्ली: दुनियाभर में साइंटिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट्स ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के नए वंशज पर नजर बनाए हुए हैं. अब तक यह सब वेरिएंट अमेरिका समेत दुनिया के 40 देशों में मिल चुका है. कोरोना वायरस (Coronavirus) का यह वर्जन जिसे साइंटिस्ट ने BA.2 कह रहे हैं. यह ओमिक्रॉन के ओरिजिनल वर्जन से ज्यादा तेज माना जा रहा है. क्योंकि इसकी जेनेटिक संरचना के कारण इसकी पहचान और ज्यादा मुश्किल होती है. कुछ वैज्ञानिकों ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि यह वर्जन अधिक संक्रामक हो सकता है.
हालांकि वैज्ञानिकों को अब तक इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट का यह वर्जन वैक्सीन के प्रभाव को खत्म कर सकता है या गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.
नवंबर 2021 के मध्य से 3 दर्जन से अधिक देशों में करीब BA.2 वर्जन के 15 हजार जेनेटिक सीक्वेंस मिले हैं. एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म ने कोरोना वायरस का यह डाटा शेयर किया है. मंगलवार सुबह तक अमेरिका में इस सीक्वेंस के 96 केस मिले हैं. अमेरिका के टेक्सास में डॉ विसली लॉन्ग, जिन्होंने BA.2 के 3 मामलों की पहचान की है, उन्होंने कहा कि अभी तक यह देखने में नहीं आया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के इस वर्जन की शुरुआत कहां से हुई.
हालांकि यह म्यूटेंट एशिया और यूरोप में बहुत कॉमन हो गया है. डेनमार्क में कोविड-19 के सभी मामलों में से 45 फीसदी इस वर्जन से संबंधित है. BA.2 वर्जन में काफी म्यूटेशन हैं इनमें से 20 म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन में हैं. लेकिन इसमें अब अतिरिक्त जेनेटिक बदलाव हुए हैं जो कि शुरुआती वर्जन में नहीं देखे गए थे.
फिलहाल ओमिक्रॉन वेरिएंट के ओरिजिनल वर्जन को BA.1 और BA.2 को सबसेट के तौर पर जाना जाता है. लेकिन वैश्विक नेताओं ने अपने तरीके से इसका नामकरण किया है. ज्यादातर देश इस वर्जन को वेरिएंट ऑफ कंसर्न यानि चिंता का वेरिएंट बता रहे हैं.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कुलमिलाकर ओमिक्रॉन वेरिएंट को चिंता का कारण बताया है. यह कोरोना वायरस का काफी घातक म्यूटेंट वर्जन है. कई देशों में हेल्थ एजेंसी ने कहा कि BA.2 वर्जन की जांच प्राथमिकता के आधार पर होनी चाहिए. ब्रिटेन में हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने BA.2 वेरिएंट को जांच के अंतर्गत रखा है.