छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की सुरक्षा मे चूक के बाद VIP सुरक्षा में जल्द बदलाव, पिस्टल लेकर विष्णुदेव साय के करीब पहुंचा ये शक्स, 6 सस्पेंड

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रायपुर। मुख्य्मंत्री विष्णुदेव साय की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ गृह मंत्रालय हरकत में आ गया है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही VIP सुरक्षा की समीक्षा होगी। इसके साथ ही मुख्य्मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा पूरा स्टॉफ भी बदला जाएगा इसकी कवायत जोरों पर है। बताते हैं कि पिस्टल लेकर मुख्य्मंत्री के कक्ष के पास मुलाकात के लिए पहुंचे शख्स को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। इस घटना से गृह मंत्रालय में हड़कंप है। सुरक्षा में चूक को लेकर 6 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच जारी है।

बताते हैं कि पुलिस मुख्यालय में जासूसी सॉफ्टवेयर NTRO को कब्जे में लेकर उसका डाटा हथियाने का मामला अभी शांत ही नही हुआ था की एक बार फिर बड़ी घटना सामने आई है। मुख्य्मंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के लिए जशपुर से आया एक शक्स पिस्टल लेकर उनके आवास के भीतरी कक्ष में दाखिल हो गया था। हालाकि उसकी मुख्य्मंत्री से मुलाकात नही हो पाई थी। सूत्र बताते हैं कि सुरक्षा की तीसरी लेयर में तैनात जवानों ने संदेह होते ही पिस्टलधारी शख्स को अपने कब्जे में ले लिया था।लेकिन पिस्टल लेकर उस शख्स को मुख्य्मंत्री के करीब बेरोक टोक जाने देने का मामला बेहद संगीन बताया जाता है।

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रायपुर में सरकारी पहुना गेस्ट हाउस में पिस्टल लेकर दस्तक देने से मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है। नक्सल प्रभावित इस प्रदेश में मुख्य्मंत्री की सुरक्षा सर्वोपरि प्रोटोकॉल के रूप में गिनी जाती है। ऐसे में किसी शख्स का पिस्टल लेकर मुख्य्मंत्री आवास में दाखिल हो जाना, हैरत भरा है। बताते हैं कि मुख्य्मंत्री से मुलाकात करने पहुंचा ये शख्स सुरक्षा कर्मियों के सामने से ही गुजरा था। मौके पर मौजूद कुछ लोगों को उसके हथियारबंद होने का अंदेशा भी हुआ था।लेकिन सुरक्षा कर्मियों की तैनाती देखकर आगंतुकों और मुलाकतियों ने, इसे सामान्यतः लिया था। उन्हे घटना की कुछ देर बाद पता पड़ा कि यह सुरक्षा में चूक का मामला है। बताया जाता है कि इस घटना के बाद 6 पुलिस कर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। उधर इस घटना से राज्य के गृह मंत्रालय में हड़कंप है।

बताया जाता है कि सुरक्षा में चूक के ऐसे ही प्रकरणों के कारण देश में कई VIP अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। लिहाजा गृह मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही मुख्य्मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया जाएगा। न्यूज टुडे से चर्चा करते हुए ADG इंटेलिजेंस अमित कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उनके मुताबिक प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए 6 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री से मुलाकात के पहले ही आरोपी शख्स को कब्जे में ले लिया गया था।

बताया जाता है कि राज्य में बीजेपी सरकार के गठन के 3 महीने बाद भी अभी तक VIP सुरक्षा की समीक्षा नही की गई है। भू-पे राज के कुपात्रों को भी VIP सुरक्षा बाहर रखी गई है।नतीजतन पुराने सिस्टम के तहत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा व्यवस्था ही मौजूदा मुख्य्मंत्री विष्णुदेव साय की सुरक्षा में तैनात हैं। जबकि आमतौर पर मुख्य्मंत्री के बदलते ही नए मुख्य्मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव किया जाता है। लेकिन मुख्य्मंत्री साय की सुरक्षा में कोई बदलाव नही किया गया है। इस घटना से बीजेपी के कई नेता हतप्रभ है।

छत्तीसगढ़ में नक्सल इंटेलिजेंस और VIP सुरक्षा सदैव सर्वोपरि मानी गई है। बावजूद इसके VIP सुरक्षा की समीक्षा में लेट-लतीफी का मामला सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। सुरक्षा मामलों के जानकार कहते हैं कि ऐसी घटनाओं को कतई हल्के में नही लेना चाहिए। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे बघेल के रणनीतिकार और षड्यंत्रकारी अफसरों से पुलिस मुख्यालय में भी गतिरोध की स्थिती बन गई है। इसका असर पूरी सरकारी मशीनरी पर पड़ रहा है।सूत्रों के मुताबिक 3 दागी IPS अफसर क्रमशः शेख आरिफ, आनंद छाबड़ा और अजय यादव भू-पे सरकार की तर्ज पर मौजूदा बीजेपी सरकार को भी अपने कब्जे में लेना चाहते हैं।

इसके लिए विवादित और कई आपराधिक मामलों और घोटालों में लिप्त ASP अभिषेक माहेश्वरी को एक बार फिर सिस्टम में शामिल किया गया है। वे गैर कानूनी रूप से पुलिस मुख्यालय के साइबर सेल में हस्तक्षेप कर रहे है।पुलिस मुख्यालय में पहले NTRO जासूसी सॉफ्टवेयर को हथियाने का मामला हो या फिर मुख्य्मंत्री विष्णुदेव साय की सुरक्षा में चूक की घटना, दोनों ही मामलों की उच्चस्तरीय जांच जरूरी बताई जा रही है। बताते हैं कि सुरक्षा में चूक की ताजा घटना के बाद गृह मंत्रालय सक्रिय हो गया है। एक बैठक में दागी अफसरों के खिलाफ कड़ी वैधानिक कार्यवाही करने के लिए विचार विमर्श जारी है।