कोरोना से मौत के बाद शव सौंपा गया परिजनों को, रात भर मातम में डूबा परिवार, कोविड -19 के तहत दाह संस्कार के निर्देश, सुबह निकला बेटा जिंदा, अस्पताल में खलबली, जाँच के निर्देश, सकते में पुलिस

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कबीरनगर वेब डेस्क / उत्तर प्रदेश पुलिस की एम्बुलेंस से एक युवक का शव उसके घर पहुँचाया गया | पॉलिटिन में पूरी तरह से पैक शव को यथावत रखने के निर्देश दिए गए थे | पीड़ित परिवार रातभर मातम मनाते रहा | सुबह अंतिम संस्कार की तैयारी की गई | परिजनों समेत 20 लोग लाश को एम्बुलेंस में रखकर शमसान घाट पहुंचे | यहाँ शव को अग्नि संस्कार के लिए लकड़ियों पर रख दिया गया | दाह संस्कार के पूर्व मृतक बेटे का चेहरा देखने के लिए उसके पिता ने लोगो से गुहार लगाई | इसके लिए पॉलीथिन का कुछ हिस्सा काट कर उन्हें बेटे का चेहरा दिखाया गया | लाश का चेहरा देखकर पिता के होश उड़ गए | दरअसल यह लाश उनके बेटे की नहीं बल्कि किसी अन्य शख्स की थी | अंतिम संस्कार में पहुंचे लोगों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया | उन्होंने फ़ौरन घटना की सूचना पुलिस को दी | मौके पर पहुंची पुलिस ने शव अपने कब्जे में लेकर अस्पताल को सूचित किया |

उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर जिले से बेहद हैरान करने वाला यह मामला सामने आया है | इस मामले ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग दोनों की लापरवाही उजागर की है | साफ़ है कि कोरोना संक्रमण के खौफ के चलते अस्पतालों में लाशों की शिनाख्ती नहीं हो रही है | इसने प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है |

दरअसल संत कबीरनगर पुलिस ने एक पिता को फोन पर ये जानकारी दी कि अस्पताल में भर्ती उनके बेटे की कोरोना से मौत हो गई है | कुछ ही देर बाद मृतक का शव सील पैक होकर सरकारी गाड़ी से उनके घर भेज दिया गया | सील पैक शव की सुपुर्दगी की पुलिस ने कार्रवाई भी की | उधर मृतक के पिता समेत तमाम परिजन और गांव वाले रातभर मातम मनाते रहे | सुबह पीड़ित परिवार शव लेकर अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचा | अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी की गई | कोविड 19 प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार के लिए पिता बेटे को अग्नि देने के लिए आगे बढ़ा |

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शव जलाने से पहले जैसे ही पिता ने मृतक बेटे का चेहरा देखा तो उसने अपने बेटे की लाश होने से इंकार कर दिया | इसके बाद मौके पर मौजूद और भी लोगों ने इसकी तस्दीक की | मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक की फोटो दिखाकर बताया गया कि उन्हें किसी और संक्रमित मरीज का शव सौंप दिया गया है | मामला देखकर पुलिस के होश भी उड़ गए | क्योंकि उस युवक की लाश के बजाये किसी दूसरे कोरोना मरीज का शव ठिकाने लगाने भेज दिया गया था |

संत कबीरनगर के महुली थाना क्षेत्र के मथुरापुर गांव में इस लाश को लेकर गहमा गहमी मची है | उधर पुलिस को लाश सौंपने के बाद पीड़ित परिजनों ने बताया कि एक दिन पहले ही उनकी अपने बेटे से बात हुई थी | उधर अस्पताल को वापस लाश सौंपने से हड़कंप मच गया है | असलियत सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं है | दरअसल जाँच में पाया गया कि लाश धर्मसिंहवां थाना क्षेत्र का रहने वाला एक अन्य युवक की है | यह युवक कुछ दिन पहले ही मुंबई से गांव लौटा था |

कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसका भी इसी अस्पताल में इलाज चल रहा था | उधर जिस युवक को मृत बताया गया वह जिंदा है और ठीक हो रहा है | पुलिस ने उस युवक की बात उसके परिजनों से कराई है | डॉक्टरों ने पुलिस को बताया गया कि दोनों युवक अगल बगल के बेड में थे | गलती वश पैरामेडिकल स्टाफ ने मृतक युवक के नाम की जगह जिंदा युवक का नाम लिख दिया था |

उधर कबीरनगर के अपर पुलिस अधीक्षक असित श्रीवास्तव ने घटना की पुष्टि करते हुए स्थानीय कैली अस्पताल के कर्मियों को फटकार लगाई है | उन्होंने बताया कि कोरोना से मौत की सूचना स्थानीय थाने को मिली थी | उनके मुताबिक अस्पताल से हमें जो प्राथमिक सूचना प्राप्त हुई थी,उसी के आधार पर शव संबधित परिजनों को सौंपा गया था |

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दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग भी पूरे मामले से ख़ुद को बचाने की कोशिश में जुटा है | उसके मुताबिक महज़ कंफ्यूजन के चलते ऐसी घटना हुई है | डिप्टी सीएमओ डॉक्टर मोहन झा का कहना है कि अभी इस मामले की जांच चल रही है | इसके लिए एक टीम गठित की गई है | उन्होंने बताया कि कभी कभी मरीजों के लेबल को लेकर कन्फ्यूजन हो जाता है |