उत्तर प्रदेश ! कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट,पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड को कई सौगातें देने के बाद प्रधानमंत्री आज जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे. पहले कृषि कानूनों की वापसी और अब प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करने के साथ-साथ एक बड़ी रैली को संबोधित कर यूपी में बीजेपी की जीत को सुनिश्चित करेंगे. 34 हजार करोड़ की लागत से बनने वाला यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के औद्योगिक, आर्थिक और पर्यटन के विकास के लिए मील का पत्थर बनेगा. यह एयरपोर्ट दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद के आस-पास के इलाकों के लिए बड़ी सौगात साबित होगा.
पश्चिमी यूपी के सियासी मिजाज को देखते हुए पीएम मोदी ने खुद ही 2022 के चुनाव की कमान संभाल ली है. इस कड़ी में उन्होंने किसानों की नाराजगी को पहले दूर करने के लिए कृषि कानून की वापसी कराकर मास्टर स्ट्रोक चला तो अब पश्चिमी यूपी में विकास की सौगात से नवाजने उतर रहे हैं. इस तरह भाजपा की उम्मीदें पश्चिम यूपी में एक बार फिर बढ़ गई है.
पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट की बेंच की सौगात!
पश्चिमी यूपी को अब केंद्र सरकार की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच की सौगात देने की योजना चल रही है. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले दिनों आगरा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि विधि मंत्रालय के पास न्यायमूर्ति जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट मौजूद है और केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है. रिजिजू ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आगरा खंडपीठ की स्थापना को जल्द मंजूरी मिल जाएगी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं ताकि सूबे में 2014 से लहलहा रही कमल की फसल को 2022 के लिए पर्याप्त खाद-पानी मिल सके. पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण और बुंदेलखंड को विभिन्न उपहार देने के बाद अब पीएम मोदी पश्चिमी यूपी को साधने के लिए उतर चुके हैं.
पश्चिमी यूपी में का सियासी समीकरण बीजेपी !
15 साल बाद बीजेपी ने 2017 में यूपी की सत्ता में वापसी की थी, उसमें पश्चिमी यूपी की भूमिका अहम रही है. उत्तर प्रदेश की कुल 403 सीटों में से 136 सीटें पश्चिम यूपी में आती है. इस तरह से सूबे की एक तिहाई सीटें इसी इलाके में हैं और बीजेपी इनमें से 80 फीसदी सीटें जीतने में कामयाब रही थी पश्चिमी यूपी की कुल 136 सीटों में से 109 सीटें बीजेपी ने जीती थीं जबकि 20 सीटें सपा के खाते में आई थीं, कांग्रेस दो सीटें और बसपा तीन सीटें जीती थी वहीं,एक सीट आरएलडी ने जीती थी, जिसने बाद में बीजेपी का दामन थाम लिया. यह सिलसिला 2019 लोकसभा चुनाव में भी जारी रहा, लेकिन किसान आंदोलन के बाद जिस तरह से जाट-मुस्लिम एक साथ फिर से आए हैं और आरएलडी-सपा का गठबंधन बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन गया है.
