भुवनेश्वर वेब डेस्क / सोशल मीडिया में इन दिनों जगन्ननाथ मंदिर केगुंबज पर लगी ध्वज पताका के जलने की खबर तेजी से वायरल हो रही है | दावा किया जा रहा है कि कोई अनहोनी होने वाली है , यह किसी बड़े अनिष्ट का अंदेशा है | न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ ने इस घटना की पड़ताल की | जांच में यह तथ्य सामने आया कि यह कोई अनहोनी नहीं बल्कि हादसा है | देखे-सुने चश्मदीदों की जुबानी , सीधे श्री जगन्नाथ मंदिर पुरी उड़ीसा से
सोशल मीडिया में इन दिनों उड़ीसा के पुरी स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर का वीडियों खूब वायरल हो रहा है | वीडियों में दिखाया गया है कि मंदिर के ऊपर ध्वज पताका , आग की लपटों से घिरी है | लोगों की निगाहें जब इस पर पड़ी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई | इस नजारे को देखने के बाद कुछ लोगों ने इसे सामान्य लिया तो कई लोग इसे एक अशुभ संकेत मानने लगे | इन दिनों सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहे इस वीडियों को लेकर तेजी से अफवाह फ़ैल रही है | इसमें दावा किया जा रहा है कि जगन्नाथ मंदिर के ऊपर पवित्र ध्वज में लगी आग किसी अनहोनी और अनिष्ट की ओर इशारा कर रही है |
न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ ने वायरल हो रहे इस वीडियों की पड़ताल की , तो हकीकत कुछ और निकली | दरअसल प्रत्येक एकादशी को मंदिर के गुंबज में दीप जलाने की परंपरा है | इस बार जब दीप प्रज्वलित हुआ , तो हवा के झोकों से मंदिर की ध्वज पताका दीप ज्योति की चपेट में आ गई | धीरे धीरे आग फैलती चली गई और ध्वज पताका का बड़ा हिस्सा जल उठा | श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि यह कोई अनहोनी नहीं बल्कि एक सामान्य घटना है | मंदिर के पुजारी ईप्सित प्रतिहारी के मुताबिक ऐसा पहली बार नहीं हुआ है , बल्कि इस तरह से ध्वज पताका इसके पहले भी कई बार जल चुकी है | उनके मुताबिक मंदिर के गुंबज पर प्रत्येक एकादशी को दीप प्रज्वलित किये जाते है | चूंकि मंदिर के शीर्ष के चारों ओर चलने वाले तेज हवाओं के झोकों से कई बार ध्वज पताका इन दीपकों की “लौ” के संपर्क में आ जाती है , इसके चलते ध्वज में आग लगना लाजमी है |
उन्होंने बताया कि यह घटना भी हाल ही में एकादशी की रात घटित हुई थी | सबसे पहले इसे मंदिर के चुनारा सेवक ने देखा था | न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ ने प्रत्यक्षदर्शी इस चुनारा सेवक से भी संपर्क किया | नृसिंगा महापात्रा नामक चुनारा सेवक ने इस दीपक को प्रज्वलित किया था | दरअसल मंदिर में द्वीप प्रज्वलन और ध्वज पताका फहराने की जवाबदारी चुनारा सेवकों की होती है | लिहाजा जैसे ही पताका में आग की लपटे दिखाई दी , इस चुनारा सेवक ने फौरन इसकी जानकारी मंदिर में मौजूद अन्य लोगों को दी | चुनारा सेवक नृसिंगा महापात्रा का कहना है कि भगवान जगन्नाथ लोगों का कल्याण करते है , अनिष्ट नहीं | लिहाजा लोगों को किसी अशुभ और अनिष्ट की शंकाओं से दूर रहना चाहिए | उनके मुताबिक वायरल हो रहे वीडियों में सिर्फ अफवाह फैलाई जा रही है |
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण श्री जगन्नाथ मंदिर 31 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। मंदिर के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने बताया कि मंदिर के पुजारियों एवं सेवकों को मंदिर में पूजा करने की अनुमति होगी। इस अवधि में मंदिर के अंदर पूजा अनुष्ठान जारी रहेंगे।