Jharkhand Political Crisis Ranchi : झारखंड में जारी सियासी बवाल के बीच हेमंत सोरेन के इस्तीफे की खबर सामने आ रही है। हेमंत सोरेन कैबिनेट की बैठक के बाद विधानसभा की सदस्यता के साथ ही मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे सकते हैं।झारखंड में चल रहे सियासी घमासान के बीच आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अचानक कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देने की बात का खुलासा हुआ है | बताया जाता है कि आज कैबिनेट मीटिंग और यूपीए डेलिगेशन की राज्यपाल से मुलाकात के बाद सोरेन का भविष्य बहुत हद तक साफ़ हो जायेगा | ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को रद्द करने की सिफारिश चुनाव आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को भेज दी थी। लेकिन अभी तक राज्यपाल ने इस सिफारिश पर अपना आधिकारिक फैसला नहीं लिया है।
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हालाँकि हेमंत, विधायकी से इस्तीफा देने के बाद फिर से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इधर यूपीए नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज शाम राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर बहुमत पत्र भी सौंपेगा । सूत्रों के मुताबिक बर्खास्तगी की तलवार से बचने के लिए सोरेन को यह बीज मंत्र राज्यपाल रमेश बैस के गृहनगर रायपुर में प्राप्त हुआ | उनके कई विधायक और मंत्री यहाँ के एक रिसोर्ट में सरकारी संरक्षण में डेरा डाले हुए थे | हालाँकि मंत्र असरकारक होने के कारण वे आज उल्टे पाँव रांची लौट गए | गौरतलब है कि न्यूज़ टुडे ने रिसोर्ट में पक रही खिचड़ी पर कल ही खबर जारी कर खुलासा कर दिया था कि अगले चौबीस घंटे झारखण्ड-छत्तीसगढ़ की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे |
राज्यपाल की ओर से आधिकारिक निर्णय में हो रही देरी के बीच झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन सरकार को समर्थन करने वाले विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेज चुके थे । उन्हें भी अब वापस बुला लिया गया है | उधर ,यूपीए नेताओं का आरोप है कि राज्य सरकार को गिराने के लिए भाजपा साजिश रच रही है। ऑपरेशन लोटस के तहत राज्य के कुछ विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। इस कारण हेमंत सोरेन अपने विधायकों को बचाने की कोशिश में जुटे हैं।
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सूत्रों के अनुसार जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को चिट्ठी लिखकर मिलने का अनुरोध किया गया था, लेकिन राजभवन ने मिलने से इनकार कर दिया है। हालांकि बताया गया है कि देर शाम यूपीए डेलीगेशन राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर सकता है।हालांकि सोरेन की सदस्यता जाने के बाद भी झारखंड की यूपीए सरकार पर फिलहाल कोई खतरा नहीं दिख रहा है। झामुमो अभी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में सोरेन की सदस्यता समाप्त होने के बाद भी राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते झामुमो को ही सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते है |