राजपिपला वेब डेस्क / गुजरात सरकार ही नहीं बल्कि राज्य की जनता एक ऑनलाइन विज्ञापन को देखकर हैरत में पड़ गई | इस विज्ञापन में दावा किया गया था कि कोरोना के खिलाफ फंड जुटाने के लिए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को बेचा जा रहा है | बेचने के विज्ञापन में इसकी बोली की कीमत भी दी गई थी | विज्ञापन देखते ही लोग हैरत में पड़ गए | सोमवार को इस मामले में अज्ञात शख्स के खिलाफ केस दर्ज कर विवेचना में लिया गया है |
नर्मदा जिले के केवडिया में स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की बिक्री के लिए एक ऑनलाइन विज्ञापन जारी होने के बाद अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है | आरोपी शख्स ने दावा किया था कि कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए मेडिकल बुनियादी ढांचे और अस्पतालों पर होने वाले सरकारी खर्च को पूरा करने के लिए इस प्रतिमा की 30,000 करोड़ रुपये में बिक्री के लिए ऑनलाइन विज्ञापन जारी है |
गुजरात की केवडिया पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने न्यूज़ टुडे से प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने शनिवार को ओएलएक्स पर एक विज्ञापन दिया था | इसमें उसने प्रदेश के अस्पतालों और स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को खरीदने के लिए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को 30,000 करोड़ रुपये में बेचने की आवश्यकता जताई थी |
इंस्पेक्टर पी टी चौधरी ने कहा कि लोगों की शिकायत और रिपोर्ट आने पर स्मारक के अधिकारियों को इसका पता चला | उन्होंने इसे गलत बताते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की | उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभिन्न कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है |
विज्ञापन जारी होने के बाद मचे बवाल और FIR के बाद OLX ने इस विज्ञापन को वेबसाइट से हटा दिया | गौरतलब है कि स्टेचू ऑफ़ यूनिटी सरदार पटेल का स्मारक है और इसकी प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में इसका उद्घाटन किया था |