रायपुर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती 20 अगस्त को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दूसरी किश्त किसानों को देने, स्कूलों एवं कालेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू करने, कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क की अनिवार्यता सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बस ट्रांसपोर्ट अभी बंद हैं और फिलहाल बंद रहेगा। राज्य और केन्द्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार जो गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा।
बैठक में मंत्री परिषद के सभी सदस्य, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं अन्य विभागों के सचिव उपस्थित थे। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में हर नागरिक के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना मास्क लगाए पाए जाने पर सौ रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा। फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। पूर्व की भांति सभा और समारोह का आयोजन स्थगित रहेगा। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ हो गई हैं लेकिन राजस्व की आवक नहीं हो पा रही है। केन्द्र से पिछले वर्ष की 1400 करोड़ रूपए की राशि नहीं मिली है। राज्य सरकार इसके लिए और हर माह राज्यों को मिलने वाले टेक्स के हिस्से के लिए केन्द्र सरकार से लगातार आग्रह कर रही है। इन परिस्थितियों में सरकार के अनुपयोगी खर्च में कटौती करने का निर्णय लिया गया है।
चौबे व अकबर ने बताया कि 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर प्रदेश सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत राज्य के 19 लाख किसानों के खाते में द्वितीय किश्त की राशि अंतरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों एवं काॅलेजों में जुलाई माह में दाखिला की प्रक्रिया प्रांरभ करने का भी निर्णय लिया गया है। केन्द्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार परिस्थितियों को देखकर अगस्त से कक्षाएं प्रारंभ करने के बारे में विचार किया जाएगा।
बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के प्रयासों की समीक्षा, क्वारंटाइन सेन्टरों और आइसोलेशन केन्द्रों की व्यवस्थाओं के बारे में भी चर्चा की गई। प्रदेश में 3 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक अन्य प्रदेशों से वापस लौटे हैं इन्हें क्वारंटाइन सेन्टरों में रखा गया था। क्वारंटाइन की 14 दिनों से 28 दिनों की अवधि पूरी कर बड़ी संख्या में श्रमिक अपने घर लौट चुके हैं इसके बावजूद कोरोना संक्रमण का कोई बड़ा फैलाव नहीं हुआ है।
स्वास्थ्य, पुलिस, नगरीय प्रशासन, जिला प्रशासन और पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मुस्तैदी से संक्रमण रोकने के लिए काम किया है, इससे प्रदेश में काफी हद तक संक्रमण को रोकने में हम सफल हुए हैं और आगे भी संक्रमण फैलने की आशंका कम है। प्रवासी श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन के अनुसार अभी भी 70 हजार से अधिक श्रमिक छत्तीसगढ़ लौटेंगे। इन्हें भी क्वारंटाइन सेन्टर में रखा जाएगा।