
रायपुर : रायपुर जिले में स्कूली शिक्षा को अधिक प्रभावी और समेकित बनाने के लिए जिला प्रशासन ने स्कूलों के युक्तियुक्तकरण (रैशनलाइजेशन) को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने इस प्रक्रिया की जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
कलेक्टर ने बताया कि जिले में कुल 241 स्कूलों को समायोजित किया जा रहा है, जिनमें से सिर्फ 4 स्कूल शहर क्षेत्र के हैं। यह समायोजन केवल उन विद्यालयों का किया जा रहा है जहां छात्रों की संख्या बहुत कम है। ऐसे स्कूलों के विद्यार्थियों को पास के अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा ताकि उन्हें बेहतर सुविधाएं और शिक्षण मिल सके।
प्रशासन के अनुसार, इस समायोजन के बाद भी 90% से अधिक छात्रों को ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) की जरूरत नहीं पड़ेगी और उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी। युक्तियुक्तकरण के बाद रायपुर जिले में कुल 1033 स्कूल संचालित रहेंगे।
शिक्षकों की तैनाती और शिक्षा गुणवत्ता पर जोर
प्रेसवार्ता में यह भी स्पष्ट किया गया कि प्रति 60 विद्यार्थियों पर दो शिक्षक तैनात किए जाएंगे, जिससे छात्रों को समुचित मार्गदर्शन मिल सके। अतिशेष शिक्षकों को जरूरत वाले स्कूलों में पुनः नियुक्त किया जा रहा है।
आपत्तियों पर तत्काल प्रतिक्रिया
डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त सभी आपत्तियों और सुझावों का समय रहते समाधान किया गया है। किसी भी प्रकार की शंका या समस्या होने पर संबंधित अधिकारी नागरिकों से सीधे संवाद के लिए तैयार हैं।
कमजोर छात्रों के लिए ‘उत्कर्ष’ योजना
विशेष रूप से कमजोर छात्रों की सहायता हेतु प्रशासन द्वारा ‘उत्कर्ष योजना’ लागू की जा रही है। इस योजना के तहत बच्चों को अतिरिक्त शैक्षणिक सहयोग और रिवीजन कक्षाएं दी जाएंगी, ताकि उनकी परीक्षा परिणामों में सुधार सुनिश्चित किया जा सके।
पारदर्शिता और जनहित को प्राथमिकता
कलेक्टर ने अंत में कहा कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, जनहितकारी और शिक्षा केंद्रित है। उन्होंने सभी पक्षों से सहयोग की अपील की और कहा कि इस कदम से बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव आएगा।