उपेंद्र डनसेना /
रायगढ़ / छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्षा ने उत्तरप्रदेश के हाथरस में घटी घटना की निंदा करते हुए कहा कि जिस प्रकार पीडि़ता के परिवार को अंधेरे में रखकर बलात्कार पीडि़त बच्ची का शव जलाया गया, वह घटना काफी झंझोर देने वाली है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना अपराधियों को बचाने के लिए की जा रही है ऐसा साफ जाहिर हो रहा है। बहुत ही शर्मनाक, बहुत विभत्सव, घिनौनी घटना है देखा जाए तो जितना उस अपराध को करने वाले अपराधियों ने किया उससे ज्यादा यहां पर प्रशासन तंत्र ने किया।
महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान उक्त बातें कही। उच्च विश्राम गृह में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि उम्मीद करेंगे, ऐसे अपराध छत्तीसगढ़ या किसी भी प्रदेश में न ही हो और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शासन-प्रशासन निष्पक्ष रूप से अपना काम करेगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि महिला संबंधी अपराधों में कोई समझौता नही किया जाएगा। हाथरस मामले में उन्होंने स्वयं पूरे देश के अलग-अलग प्रदेशों द्वारा बनाए गए वास्ट्अप गु्रप में भी लिखा था कि तत्काल इस मामले में कडी कार्रवाई की जाए, उस समय शव जलाने की घटना भी नही हुई थी। परंतु दुर्भाग्य की बात है कि नेशनल वूमन कमीशन द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई। उत्तरप्रदेश की महिला आयोग क्या कर रही थी उसकी भी कोई जानकारी नही है। बातचीत के दौरान उन्होंने अपने आयोग के कामकाज के बारे में बताया कि उन्होंने जब पद्भार लिया तो 575 मामले फिलहाल आयोग में पेडिंग है और इन सब पर रायपुर में सुनवाई जारी है। प्रताडऩा, घरेलू हिंसा, के मामलों में लगातार सुनवाई जारी है। अब तक सौ से अधिक मामलों का डिस्पोजल हो चुका है और भी प्रदेश के अलग-अलग जिलों से मामले आ रहे हैं।
उनकी कोशिश है कि सभी जिलों में जाकर सुनवाई करने के नियम को पूरा करें लेकिन कोविड़ कोरोना के चलते लॉकडाउन से कई जिलों से अनुमती नही मिल पाई है। इसलिए वे खुद जिले के दौरों में निकली है। श्रीमती नायक ने कहा कि मामलों की सुनवाई स्थल पर पहुंचकर नही हो पाई तो इसकी भरपाई के लिए बेबीनॉर के माध्यम से सुनवाई करके सारे मामले को डिस्पोजल करेंगे। एक प्रश्र के दौरान उन्होंने कहा कि अधिकांश मामलों की पीडि़ता आयोग तक नही पहुंच पाती तो ऐसे में मीडिया के द्वारा जारी समाचारों से ही संज्ञान लेकर उन्हें न्याय दिलाने के लिए वे संकल्पित है। फर्जी शिकायतों पर भी महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि अधिकतर ऐसे मामले भी आते हैं और कुछ जगह महिलाएं भी आपसी समझौता करके अपनी शिकायतों को वापस ले लेती हैं।