छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में सख्त हुआ प्रशासन , फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वालों पर बर्खास्तगी की गाज , 15 साल से अस्थाई जाति प्रमाण पत्र के जरिए कर रहे दर्जन भर से ज्यादा शिक्षक बर्खास्त , FIR दर्ज करने आदेश

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जांजगीर / छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में नवागत कलेक्टर यशवंत कुमार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर नौकरी करने वाले कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए है | उन्होंने सभी विभागों में फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की समीक्षा कर ऐसी कर्मियों की बर्खास्तगी तय करने के भी निर्देश दिए है | इसके तहत सांरगढ़ और बरमकेला ब्लॉक में अस्थाई जाति प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी कर रहे 15 सहायक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। इन सभी शिक्षकों के खिलाफ FIR भी दर्ज करने के आदेश दिये गये हैं। जिला पंचायत सीईओ ने कार्रवाई की है।

जांच में सभी शिक्षकों की जाति फर्जी पाई गई है जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है । दरअसल साल 2005 से लेकर 2012 -13 के बीच  व सहायक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया तहसीलदार के द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर हुई थी । चूंकि तहसीलदार के द्वारा जाति प्रमाण पत्र सिर्फ 6 महीने के लिए ही वैध माना जाता है और बाद में स्थायी जाति प्रमाण पत्र आवेदक को जमा करना अनिवार्य है । लेकिन जिले में 15 सहायक शिक्षक अस्थायी जाति प्रमाण पत्र के जरिए ही सालों से नौकरी कर रहे थे। मामले में जांच के दौरान इनके स्थायी जाति प्रमाण पत्र नही पाए गए जिसके बाद जिला पंचायत ने इनको बर्खास्त कर दिया है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए हैं ।