
रायपुर : – छत्तीसगढ़ में एक एडिशनल कलेक्टर करीब 30 सालों से फरार घोषित है | उसे वर्ष 2015 में अदालत ने स्थाई वारंटी घोषित किया था | उसके खिलाफ वर्ष 1990 में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान हिंसा और सरकारी सम्पति के नुकसान को लेकर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया गया था | दिलचस्प बात यह है कि इतने वर्षो बाद भी मामला अदालत में विचाराधीन रहा,अदालत ने वर्ष 2015 में इस आरोपी को स्थाई रूप से फरार घोषित कर उसके खिलाफ क़ानूनी करवाई के निर्देश दिए थे | हैरान करने वाली बात यह है कि वर्ष 1996 में यह आरोपी शख्स तहसीलदार के पद पर चयनित हो गया |

प्रशासनिक गलियारों में गोता लगाते हुए तहसीलदार साहब पदोन्नति का तोहफ़ा हासिल करते हुए डिप्टी कलेक्टर बन गए | फिर लगा राजनीति का डबल इंजन, इसके बाद साहब को बगैर बाधा एडिशनल कलेक्टर बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगा | राजनैतिक कृपा बरसने के बाद अदालत में विचाराधीन मामला अचानक रफा – दफा हो गया | इतने वर्षो बाद भी फरार आरोपी पुलिस को ढूंढे नहीं मिला | आख़िरकर, साल दर साल सरकारी रिकॉर्ड में स्थाई वारंटियों की सूचि में फरार आरोपी की धर – पकड़ सिर्फ कागजों तक में ही सीमित रह गई | जबकि एडिशनल कलेक्टर साहब और उनकी संपत्ति दिनों दिन आसमान छूती रही | उन पर ना तो कभी ACB – EOW का साया मंडराया और ना ही ED समेत अन्य जाँच एजेंसियों की नजरे इनायत हुई |

प्रशासनिक हलकों से हैरान करने वाली खबर सामने आई है, वह भी अदालती आदेश और क़ानूनी करवाई जैसे वैधानिक दस्तावेजों के साथ | इन दस्तावेजों में अदालत की टीप और आरोपियों की फेहरिस्त काफी चौकाने वाली बताई जा रही है | अदालती दस्तावेजो में आरोपी नंबर { 6 } पुलक भट्टाचार्य, पिता राम भट्टाचार्य उम्र 20 वर्ष, निवासी महासमुंद को फरार घोषित किया गया है | एक शिकायत में बताया गया है कि यह शख्स और कोई नहीं बल्कि रायपुर में विभिन्न पदों पर वर्षों से पदस्थ रहे अतिरिक्त कलेक्टर पुलक भट्टाचार्य ही हैं | जमीनों की अफरा – तफरी, नाप – जोप में गड़बड़ी और भू माफियाओं के साथ साठ – गांठ को लेकर इस अधिकारी के खिलाफ शिकायते आम बताई जाती है |

छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी गई एक तरो – ताजा शिकायत में बताया गया है कि रायपुर में बतौर ADM पदस्थ रहते इस अधिकारी ने करीब 60 करोड़ की बेशकीमती जमीन बगैर रजिस्ट्री एक चर्चित भू – माफिया के नाम पर नामांतरित कर दी थी | जबकि जमीन का सौदा सिर्फ एग्रीमेंट आधारित था | इस अधिकारी की कार्यप्रणाली के चलते इस अवैध नामांतरण से छत्तीसगढ़ शासन को 7 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है | शिकायत के मुताबिक सरकारी सम्पत्ति, बस में तोड़ – फोड़ और पत्थरबाजी के इस आपराधिक प्रकरण में पुलिस ने तमाम आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज की थी | इसमें शामिल आरोपियों की सूची में आरोपी क्रमांक { 6} आखिर फरारी के दौरान कैसे नौकरी करते रहे ? इसे लेकर जाँच की मांग की गई है |

फरार आरोपी को लेकर की गई शिकायत में यह भी बताया गया है कि नौकरी पाने के लिए आरोपी द्वारा झूठी जानकारी शासन को सौंपी गई थी | उसके पुलिस वेरिफिकेशन के दस्तावेजों से लेकर फरारी के दौरान सरकारी सेवा के कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच का निवेदन सामान्य प्रशासन विभाग से किया गया है | ADM पुलक भट्टाचार्य पूर्वर्ती कोंग्रेस सरकार के कार्यकाल में कई मलाईदार विभागों में इधर से उधर होते रहे |

राजधानी रायपुर और आस – पास के इलाकों में विवादित जमीनों के सौदे निपटाने, खरीद – फरोख्त को कानूनी शक्ल देकर टैक्स चोरी करवाने और पद के दुरुपयोग की कई शिकायते उनके खिलाफ आम बताई जाती है | उन्हें राजनीति के मैदान में पूर्वमंत्री मोहम्मद अकबर का वरदहस्त प्राप्त बताया जाता है |

पूर्व परिवहन मंत्री ने उन्हें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पद पर नियुक्त किया था | यही नहीं अकबर एंड कंपनी के रियल स्टेट कारोबार की प्रमुख कड़ी के रूप में ADM भट्टाचार्य की गिनती होती है | छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में भी उनका कार्यकाल विवादित बताया जा रहा है | हालियां, शिकायत की प्रतिलिपि न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ को भी प्रेषित की गई है | न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने इस शिकायत पर प्रतिक्रिया लेनी चाही, ADM पुलक भट्टाचार्य से संपर्क किया गया | लेकिन उनका मोबाईल स्विच ऑफ पाया गया |