ED RAID CG : छत्तीसगढ़ के एडिशनल चीफ़ सेकेट्री सुब्रत साहू समेत 4 मंत्री जाँच के घेरे में, मंत्रालय में ED की रेड, मंत्रियो के ठिकानो से भी बड़े पैमाने पर दस्तावेजों की जप्ती

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में अखिल भारतीय सेवाओं के आधा दर्जन अधिकारियो और राजनेताओ के संगठित अपराधों पर रोक लगाने के लिए ED  ने बड़ी कार्यवाही की है। भारत सरकार से ठोस कार्यवाही के निर्देश मिलते ही ED ने मंत्रालय समेत कुछ मंत्रियो के ठिकानो में बड़े पैमाने पर छापामार कार्यवाही की है। बताते है कि मंत्रालय से दस्तावेजों और कई डिजिटल सबूतों को अपने कब्जे में लिया है। इसमें आवास और पर्यावरण, सिचाई, श्रम आयुक्त, माइनिंग, स्टेट जीएसटी समेत कुछ अन्य विभागों से फाइलों को जप्त किये जाने की खबर है।

बताया जाता है कि एडिशनल चीफ़ सेकेट्री सुब्रत साहू समेत 4 मंत्री और उनसे जुड़े विभागों में भ्रष्टाचार की जाँच को लेकर ED ने छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया है। रायपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय सम्मेलन के शुरू होने के तीन दिनों पूर्व से ही ED ने छापामार कार्यवाही कर राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही शुरू की है। बताया जाता है कि मंत्रालय में स्थित GST दफ्तर में अधिकारियो की बैठक ले रहे विभागीय सचिव भीम सिंह ED की दबिश के दौरान मामला संज्ञान में आते ही बैठक छोड़ भाग खड़े हुए थे।  

बताया जा रहा है कि सुपर सीएम सौम्या चौरसिया समेत कोल परिवहन घोटाले के अन्य आरोपियों को बचाने के लिए अखिल भारतीय सेवाओं के कई अधिकारी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। बताया जा रहा है कि ED के गवाहों को उनका बयान बदलने के लिए सुनियोजित दबाव डाला जा रहा है। इसके लिए कुछ अधिकारियो और मंत्रियो की कार्यप्रणाली पर पीड़ितों ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है।

सूत्र बता रहे है कि ED के गवाहों को प्रताड़ित किये जाने की रिपोर्ट के बाद भारत सरकार ने ED को फ्री हेंड दे दिया है। इसके तहत बड़ी कार्यवाही करते हुए ED ने मंत्रालय में छापामारी करते हुए 4 मंत्रियो से जुड़े विभागों के दैनिक कामकाज और विभागीय कार्यो से जुडी फाइलों को अपने कब्जे में लिया है। ताजा जानकारी के मुताबिक नगरीय प्रशासन विभाग आवास पर्यावरण, श्रम, माइनिंग और अन्य विभागों ने हाल ही में कुछ एक साथ कुछ उद्योगपतियों और कारोबारियों के ठिकानो में दबिश दी थी। 

बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ सरकार के सम्बंधित विभागों ने कुछ एक उद्योगपतियों के उपक्रमों में तालाबंदी कर दी थी। बताते है कि होली, दीपावली समेत अन्य अवसरों में नजराना पेश करने के बावजूद अचानक बेजा कार्यवाही से पीड़ितों का हाल बेहाल था। सूत्र बताते है कि कभी बिजली कनेक्शन काटने तो कभी सरकारी औपचारिकताओ को पूर्ण करने के बावजूद भी कतिपय अधिकारियो ने गवाहों को अपना शिकार बनाया था।

बताते है कि ED के उन गवाहों को बयान बदलने के लिए दबाव बनाया गया था, जो आरोपी सौम्या चौरसिया और सूर्यकान्त तिवारी को कोयले पर 25 रुपये टन लेव्ही का भुगतान कर रहे थे। सूत्र बताते है कि केंद्र पोषित फंड से सम्बन्ध आधा दर्जन IAS अधिकारी गंभीर आर्थिक अपराधों के दायरे में है। इसमें प्रमुख नाम अतिरिक्त प्रमुख सचिव सुब्रत साहू का बताया जा रहा है। 

बताते है कि बीते 4 सालो में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग समेत लगभग सभी विभागों में IAS सुब्रत साहू की कार्यप्रणाली चर्चा में है। ‘चिप्स’ में करोडो के घोटाले को लेकर भी सुब्रत साहू के खिलाफ चल रही ED की जाँच के अब जोर पकड़ने के आसार भी जाहिर किये जा रहे है। हालांकि मंत्रालय समेत अन्य ठिकानो में चल रही छापेमारी को लेकर ED की और से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी इन छापो को लेकर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है।

गौरतलब है कि 2 दिनों पूर्व ED ने कांग्रेस के कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल, प्रवक्ता आरपी सिंह, कर्मकार मंडल अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल, खनिज विकास निगम अध्यक्ष गिरीश देवांगन, विनोद तिवारी, विधायक धर्मेंद्र यादव और विधायक चंद्रदेव राय से जुड़े लगभग डेढ़ दर्जन ठिकानो पर दबिश दी थी। इसके बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने सड़को पर उतर कर ED की कार्यवाही का विरोध किया था।

खबर यह भी है कि किसी भी मंत्री के बंगले या दफ्तर में ED ने छापामार कार्यवाही नहीं की है। इस कार्यवाही के समाप्त होते ही मंत्रालय में रुख करने से राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप है। फ़िलहाल केंद्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी के साथ ED के कदम लगातार दागी अधिकारियो के और बढ़ रहे है।