मुंबई / महशूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर से जल्द ही पर्दा हटने वाला है | मुंबई पुलिस को सुशांत सिंह राजपूत की बिसरा रिपोर्ट का इंतजार है | इसके बाद वो उनकी मौत के रहस्यों पर से पर्दा हटाएगी | जानकारी के मुताबिक सुशांत की मौत की तफ्तीश लगभग पूरी कर ली गई है. पोस्टमार्टम की डिटेल रिपोर्ट का अध्ययन किया जा चूका है | पोस्टमार्टम करने वाले पांच डॉक्टरों के बयान भी दर्ज कर लिए गए है | यही नहीं पुलिस ने अपनी विवेचना को अंतिम रूप भी दे दिया है | इसमें साइंटिफिक एविडेंस , साइबर रिपोर्ट और विवेचना की आधुनिक प्रक्रिया से गुजर कर फूल एंड फाइनल रिपोर्ट तैयार की है |
सूत्रों के मुताबिक जिस कमरे से सुशांत की लाश मिली थी, उस कमरे में पंखे, बेड और फंदे की ऊंचाई, गहराई का बारीकी से परीक्षण किया गया है | हालांकि मुंबई पुलिस ये भी जानती है कि ये मामला हाई प्रोफाइल हो गया है | लिहाजा, अंतिम नतीजे पर पहुंचने से पहले उसने हर पहलू की गंभीरता से पड़ताल की है | जांच के दौरान कुछ चीजें ऐसी आईं थी कि पुलिस को कुछ शक की गुंजाइश नजर आई | लेकिन गंभीर विवेचना कर पुलिस ने तमाम शक दूर कर लिए | पुलिस ने आखिर में सुशांत सिंह राजपूत की मौत को खुदकुशी मान लिया है |
बताया जाता है कि जिस कमरे में सुशांत सिंह राजपूत की मौत हुई, उस कमरे का दरवाजा भीतर से बंद था. इस साक्ष्य के गवाह सुशांत के घर में मौजूद उनके तीनों मुलाजिम और दोस्त के अलावा खुद सुशांत की बहन गवाह रहे | सूत्रों के मुताबिक मुंबई में निवासरत सुशांत की बहन जब उसके घर पहुंचीं, तब उन्होंने भी दरवाजा खोलने की और खुलवाने की काफी कोशिश की थी | इस दौरान दरवाजा खोलने के लिए डुप्लीकेट चाबी बनाने वाले मैकेनिक को बुलाया गया था | यही नहीं जब दरवाजा खोला गया तब भी सुशांत की बहन मौके पर मौजूद थीं | यह भी बताया गया कि दरवाजे और ताले की तकनीकी जांच में ये पाया गया कि दरवाजे के लॉक या दरवाजे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी | जांच में यह तथ्य सामने आया कि दरवाजा अंदर से ही बंद था | इसका मतलब साफ़ है कि कमरे के भीतर सुशांत अकेले थे और उन्होंने ही दरवाजा भीतर से बंद किया था |
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि जिस कमरे में सुशांत की मौत हुई थी , उस कमरे में लगे सीलिंग फैन और बेड के बीच का कुल फासला 5 फीट 11 इंच था. जबकि सुशांत की ऊंचाई 5 फीट 10 इंच थी | साफ़ है कि फांसी लगाते वक्त बेड पर खड़े सुशांत और पंखे के बीच सिर्फ 1 इंच का फासला था | इसीलिए फंदा गले में डालने के बाद सुशांत बेड की दूसरी तरफ दोनों पैर फेंक कर हवा में झूल गया. फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स और पुलिस ने पाया कि कमरे में लगे पंखे और बेड के बीच जितनी ऊंचाई थी, उस ऊंचाई पर सुशांत आसानी से अपने दोनों हाथ उठा कर पंखे से फंदे के लिए गांठ बना सकता था. मौका-ए-वारदात से जो तस्वीर ली गई है और एक्सपर्ट्स ने जो कमरे का मुआयना किया है, उसमें साफ है कि सीलिंग फैन बेड के बीचों बीच नहीं लगा हुआ था. इसीलिए पंखे के नीचे बेड के दूसरी तरफ काफी जगह थी |
बताया जाता है कि सुशांत की बहन, ताला बनाने वाला शख्स , घर में मौजूद तीन कर्मचारी और सुशांत के दोस्तों के बयान ने हकीकत बयां कर दी है | उसके मुताबिक जब कमरे का दरवाजा खुला तो सुशांत की लाश बेड के दूसरी ओर किनारे में हवा में झूल रही थी | साफ़ है कि सुशांत की लाश न तो बेड पर थी और ना ही उसके पैर बेड की तरफ थे | विवेचना में पाया गया कि बेड के दूसरी तरफ जहां सुशांत की लाश झूल रही थी, वहां से पंखे की दूरी और ऊंचाई 8 फीट 1 इंच थी.मौके से पुलिस को कोई भी संदेहास्पद वस्तु और सुसाइड नोट नहीं मिला |
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच में यह भी पाया गया कि सुशांत के जिस्म पर चोट के एक भी निशान नहीं थे | शरीर में किसी तरह के खरोंच के निशान भी नहीं मिले | पुलिस ने कमरे में हाथापाई की थ्योरी को भी रिजेक्ट कर दिया | जांच में पाया गया कि मृत्यु पूर्व सुशांत के साथ मारपीट या असाल्ट जैसी घटना हुई होती, तो ऐसे निशान जरूर मिलते | यही नहीं पुलिस को सुशांत के दोनों हाथों की ऊंगलियों के सारे नाखून भी साफ मिले | आमतौर पर झगड़ा या हाथपाई में नाखून के अंदर-ऊपर कुछ सबूत जरूर मिल जाते है | कुल मिलाकर पुलिस ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत को एक सामान्य आत्महत्या का प्रकरण मान लिया है | उसे बस बिसरा रिपोर्ट का इंतजार है | माना जा रहा है कि जल्द ही यह आने वाली है | इसके प्राप्त होते ही वो इस रहस्यमय मौत के तमाम पहलुओं को जनता के सामने रख देगी |