रायपुर/जांजगीर – छत्तीसगढ़ कैडर के 2007 बैच के आईएएस अधिकारी और जांजगीर जिले के तत्कालीन कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक को लेकर बड़ी खबर आ रही है | पीड़ित महिला ने रेप के मामले के आरोपी और निलंबित आईएएस अधिकारी जेपी पाठक को बचाने का आरोप पुलिस पर लगाया है | पीड़ित महिला का आरोप है कि जांजगीर जिले की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक फोन पर आरोपी जेपी पाठक के संपर्क में है और उन्ही के निर्देश पर उनके बयान दर्ज करने के लिए उस पर जोर डाल रही है | पीड़िता का आरोप है कि जांजगीर की एएसपी मधुलिका सिंह ने मूल साक्ष्य नष्ट करने के लिए उसका मोबाइल फोन पुलिस कर्मियों के माध्यम से अपने कब्जे में ले लिया है | उस फोन को गुम जाने या फिर किसी अनधिकृत व्यक्ति को सौंप दिए जाने का हवाला देकर , ऐसा ही बयान दर्ज करवाने पर जोर दे रही है | उसने कहा है कि कई कोरे कागजों पर जोर जबरदस्ती उससे हस्ताक्षर करवाए गए है |
पीड़िता के मुताबिक प्रभावशील एएसपी असलियत पर पर्दा डालने के लिए अपने कर्तव्यों और अधिकारों का दुरूपयोग कर रही है | पीड़िता ने बताया कि आरोपी तत्कालीन कलेक्टर पर FIR दर्ज होने के बाद उसके पति को बगैर किसी ठोस कारणों के कई घंटों तक थाने में बिठाकर रखा गया | उस पर भी मानसिक दबाव डालकर गलत बयान दर्ज करवाने के लिए दबाव बनाया गया है | उन्होंने आरोप लगाया है कि अधिकारी 164 का बयान बदलवाने और उससे मुकरने के लिए उसे और उसके परिवार को प्रताड़ित कर रहे है |
पीड़िता का आरोप है कि उसके भाई और उनके ड्राइवर का फोन भी एएसपी के निर्देश पर जोर जबरदस्ती जब्त कर लिया है | यही नहीं सभी से कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराये गए है , ताकि आरोपी जेपी पाठक के निर्देशानुसार बयान दर्ज कराये जा सके | पीड़ित महिला ने फौरन एएसपी को हटाने और किसी निष्पक्ष और पारदर्शितापूर्ण जांच के लिए नए अधिकारी की नियुक्ति की मांग की है | उसने दलील दी है कि मौजूदा अधिकारी आरोपी के अधीनस्थ कार्य कर चुकी है और उन्ही के इशारे पर मामले को रफा-दफा करने के लिए पूरी तरह से जोर लगा रही है |
पीड़ित महिला और उसके परिजनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्यपाल अनुसूईया उइके को भेजे शिकायती पत्र में अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है | उधर पीड़ित ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आरोपी आईएएस अधिकारी ने उसके साथ सहमति से नहीं बल्कि जोर जबरदस्ती और दबावपूर्वक यौन संबंध स्थापित किये थे | उसने यह भी बताया कि कामकाज मिलने के लालच और उम्मीद में वो यौन शोषण का शिकार होते चली गई | बाद में यह अफसर कलेक्ट्ररी का रौब झाड़ते हुए उस पर अपना मुंह बंद रखने का दबाव बनाते रहा | उसके पति को भी सरकारी नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी गई थी |
एक अन्य प्रश्न के सवाल में पीड़िता ने जवाब दिया कि आरोपी अफसर के ट्रांसफर के बाद उसने हिम्मत जुटाई और मामले की शिकायत पुलिस से की | उसने यह भी बताया कि पुलिस ने पहले शिकायती पत्र स्वीकार कर उसकी पावती दी थी | लेकिन चंद मिनटों में ही उस पावती को भी पुलिस कर्मी वापस मांगने लगे | पीड़िता ने दोहराया कि आरोपी ने उसके साथ सहमति से नहीं बल्कि अपने पद और अधिकारों के दबाव में यौन संबंध स्थापित किये थे |
उधर पीड़िता ने जनप्रतिनिधियों से भी सहायता की गुहार लगाई है | उसने कहा है कि राज्य में तैनात कई प्रभावशील अधिकारी अपने अधिकारों और प्रभाव का दुरूपयोग कर कामकाजी महिलाओं को अपने जाल में फंसाते है , फिर उनका यौन शोषण कर उनके परिवार को मुश्किल में डाल देते है | ऐसे अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना चाहिए | पीड़ित महिला ने अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग से भी हस्ताक्षेप की मांग की है |इस मामले में जांजगीर पुलिस अधीक्षक से प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किया गया । लेकिन उनका कॉल रिसीव नही हुआ ।