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एक ऐसा गांव जहां लॉकडाउन में गुजरने वाले राहगीरों को लुटेरा करार देकर मौत के घाट उतार रहे है ग्रामीण , 3 राहगीरों को पीट-पीटकर मार डाला, पुलिस पर भी बोला हमला , मॉब लिंचिंग के जरिये दिया जा रहा है आपराधिक घटना को अंजाम 

पालघर वेब डेस्क / एक ग्रामीण की अति उत्साह में की गई हरकत से तीन निर्दोष राहगीरों की जान चले गई | इस शख्स ने उन्हें लुटेरा बताते हुए शोरगुल मचाया | फिर क्या था , लॉकडाउन तोड़ते हुए सैड़कों लोग अपने घरों से निकले और उन तीनो निहत्थे राहगीरों पर टूट पड़े | लाठी डंडो से हुए लगातार प्रहार के बाद तीनों ने दम तोड़ दिया | मौके पर पहुंची पुलिस पर भी ग्रामीणों ने हमला किया | लॉकडाउन के दौर में इस मॉब लिंचिंग की शर्मनाक घटना से प्रशासन सकते में है | 

महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में भीड़ ने तीन लोगों को पीट-पीटकर मार डाला | भीड़ ने तीनों को लुटेरा समझकर हमला किया था  | हमलावर भीड़ इतनी उग्र थी कि सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पुलिस टीम पहुंची, तो उस पर भी हमला कर दिया | बताया जाता है कि मॉब लिंचिंग की घटना उस समय हुई जब तीन राहगीर नासिक की ओर जा रहे थे | इनमें से एक ड्राइवर था, जबकि दो मुंबई के रहने वाले बताए जा रहे हैं. मृतकों की पहचान सुशीलगिरी महाराज, निलेश तेलगड़े और जयेश तेलगड़े के रूप में हुई है | 

जानकारी के मुताबिक पालघर जिले में दाभडी खानवेल रोड स्थित एक आदिवासी गांव में शुक्रवार को लगभग 200 लोगों ने इन तीनों राहगीरों पर हमला किया | उन्हें लुटेरा समझकर पहले पथराव किया गया फिर उनके वाहन को रोकने लगे थे | ड्राइवर के वाहन को रोकते ही भीड़ ने तीनो को वाहन से उतारा और डंडों व रॉड से पीटना शुरू कर दिया | मौके से ड्राइवर ने घटना की जानकारी पुलिस को दी | इस सूचना पर पुलिस टीम फौरन घटनास्थल पर पहुंची | उसने ग्रामीणों को रोकने की कोशिश की | लेकिन अनियंत्रित भीड़ ने पुलिस पर भी हमला कर दिया |  हमले में पुलिस के वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है | 

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हमले में कासा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के अलावा जिले के एक सीनियर पुलिस अधिकारी भी घायल हुआ | इस घटना में आधा दर्जन  पुलिसकर्मी घायल बताये जा रहे हैं | बताया जाता है कि इस घटना से तीन दिन पहले भी इसी इलाके में ग्रामीणों ने एक अन्य वारदात को अंजाम दिया था | इसमें कासा पुलिस स्टेशन के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर आनंद काले, तीन पुलिस अधिकारी और डॉक्टरों पर भी हमला बोला गया था | ग्रामीणों ने इनको भी लुटेरा समझकर हमला किया था | जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है कि  मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है | इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या इलाके में सोशल मीडिया के जरिए अफवाह तो नहीं  फैलाई जा रही है? आखिर इतने सारे ग्रामीण एक साथ कैसे जमा हो गए? ग्रामीणों से भी इसको लेकर पूछताछ की जा रही है | 

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