छत्तीसगढ़ CSIDC में बड़ा खेला, पूर्व मंत्री अकबर के भाई अजगर की कंपनियों को 100 करोड़ का बेजा फायदा पहुंचाने के लिए नौकरशाही का एक धड़ा सक्रिय, NRDA में 50 करोड़ का जुर्माना भी माफ़ ? सुशासन में और कई सौगातें, मैनेज टेंडर-निविदा से फिर लुटेगी सरकारी तिजोरी….

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीजेपी के सत्ता में आते ही एक बड़े घोटाले के मद्देनजर राज्य सरकार ने पूर्व मंत्री अबकर के भाई अजगर की कंपनी को NRDA में सौंपे गए करीब 300 करोड़ के टेंडर रद्द कर दिए थे। मुख्यमंत्री साय मंत्रीमंडल ने गर्मजोशी के साथ मामले की जांच के निर्देश दिए थे। इस घटनाक्रम को बीते लगभग डेढ़ साल बीत चूका है। NRDA घोटाले में ना तो अब तक जांच हो पाई और ना ही नियमों के मुताबिक टेंडर की मूल लागत की तुलना में 40 फीसदी जुर्माने के भुगतान को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई फैसला लिया।

बताया जाता है कि करीब 50 करोड़ की जुर्माने की रकम की वसूली के अलावा NRDA में हज़ारों करोड़ के घटिया कार्यों में पूर्व मंत्री के भाई की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अघोषित क्लीन चिट दे दी गई है। कांग्रेस शासन के कार्यकाल में पूरे 5 वर्ष तक घटिया गुणवत्ताविहीन कार्य कर NRDA कों दिवालिया बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाली कंपनी को अब CSIDC में नया ठिकाना मिल गया है। यहाँ भी करोड़ों के टेंडर मैंनेज किये जा रहे है। सूत्रों के मुताबिक अजगर की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा-टेंडर में कुछ खास शर्ते जोड़ी गई है।

बताया जाता है कि CSIDC में मंगलवार से मैनेज टेंडरों की झड़ी लगने वाली है, इसके साथ ही भ्रष्टाचार की नई इबारत दर्ज होने से सरकार के सामने नई मुश्किले भी खड़ी हो सकती है। सूत्र यह भी तस्दीक कर रहे है कि सरकारी तिजोरी पर सेंधमारी पूर्व की तर्ज पर अभी भी जारी है, CSIDC के टेंडर इसकी बानगी पेश कर रहे है, पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच को लेकर विभाग में कोहराम मचा है। इस बीच यह भी बताया जा रहा है कि कतिपय अधिकारियों द्वारा दागी कंपनियों को उपकृत करने के लिए मोटी रकम का लेनदेन किया गया है।

एक शिकायत के मुताबिक NRDA की तर्ज पर CSIDC में भी पूर्व मंत्री और उनकी डी-कंपनी पूरी सक्रियता के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की तिजोरी पर हाथ साफ कर रही है। पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के भाई की कंपनी इन दिनों CSIDC में भी सुर्खियां बटोर रही है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद सरकारी तिजोरी को सेंधमारी से बचाने के लिए 240 करोड़ का ठेका निरस्त किया था।

NRDA की कमान पूर्ववर्ती भूपे सरकार में तत्कालीन आवास और पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर के हाथों में थी। यह भी बताया जाता है कि पूर्व मंत्री अकबर ने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए मनमाने तरीके से कई टेंडर अपने भाई मोहम्मद अजगर की कंपनी को सौंप दिए थे। यही नहीं इस दौर में NRDA के अलावा छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को भी अरबों का चूना लगाया गया था।

पूर्व मंत्री की देख-रेख में अंजाम दिए गए घोटालों के चलते NRDA कंगाली के दौर में पहुँच गया था। चेयरमेन की कुर्सी तक की कुर्की के निर्देश अदालत ने दिए थे। हालांकि सत्ता में आई बीजेपी ने पेशेवर तरीके से NRDA को कर्ज मुक्त कर दिवालिया होने से बचा तो लिया है, लेकिन इन एजेंसियों में नौकरशाही के भ्रष्टाचार पूर्ण रवैये पर अब तक लगाम नहीं कसी जा सकीय है, नतीजतन पूर्व मंत्री के कुनबे की आपराधिक गतिविधियां बीजेपी के सुशासन के पैगाम को मुँह चिढ़ा रही है।

जानकारी के मुताबिक NRDA के बाद CSIDC मे भी भ्रष्टाचार चरम पर बताया जा रहा है। हालिया CSIDC ने करोड़ों के टेंडर जारी किये थे। इनकी निविदा-टेंडर की शर्ते सवालों के घेरे में बताई जा रही है। तस्दीक की जा रही है कि अधिकारियों के एक वर्ग ने पूर्व मंत्री के कुनबे के हितों को ध्यान में रखते हुए टेंडर-निविदा की प्रतिस्पर्धा ख़त्म कर दी है। इससे सरकारी तिजोरी एक बार फिर लूटने की कगार पर है। भारी भरकम दरों पर जारी ये टेंडर मैनेज बताये जा रहे है। जानकारी के मुताबिक 167683, START-MAY 5, 2025 5:00:00 PM, CHHATTISGARH 28717000 REPAIRING AND MAINTENANCE OF FLOOD REGULATING BARRAGE (AUTOMATIC) DUE-MAY 26, 2025 5:00:00 PM, STATE INDUSTRIAL DEVELOPMENT CORPORATION (CSIDC), 167857, टेंडर-निविदा में सुनियोजित खेला किया गया है।

कई विभागीय अधिकारी नाम ना जाहिर करने की शर्त पर खुद बा खुद दूषित की टेंडर प्रक्रिया जारी रहने के कारण भी गिना रहे है। उनका साफ आरोप है कि निष्पक्ष जांच के दौरान सब कुछ साफ हो जायेगा। युक्ति-युक्त कारणों से राज्य सरकार को करीब 100 करोड़ की बचत होगी। उनके मुताबिक कार्टल बना कर इन टेंडरों को हथियाने के प्रयास जोरो पर है, इस गोरखधंधे में 3 जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी उंगली उठाई गई है।

CSIDC में टेंडर-निविदा खुलने से पूर्व ही सेवा शर्तों को लेकर मचे घमासान से मैनेज टेंडर ठेकेदारों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने मामले को लेकर CSIDC से प्रतिक्रिया लेनी चाही लेकिन मामलों को लेकर नव नियुक्त चेयरमेन राजीव अग्रवाल के कार्यालय से कोई प्रतिउत्तर नहीं प्राप्त हो सका। बहरहाल, देखना गौरतलब होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है ?