मध्यप्रदेश में डीजीपी की कुर्सी को लेकर जोर आजमाइश का दौर, डीजीपी पद के दावेदार मैथिलीशरण गुप्त का सोशल मीडिया पर छलका दर्द, कहा-इस व्यवस्था में बदलाव ला सकता हूं 

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रिपोर्टर – मनोज सागर 
भोपाल / मध्यप्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ती को लेकर अटकालों तेज हो गई है | दावेदार अधिकारी अपनी योग्यता और कार्य कुशलता को सरकार के संज्ञान में लाना चाहते है | इसी कड़ी में 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी एवं विशेष पुलिस महानिदेशक मैथिलीशरण गुप्त ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनांए शेयर की है | उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि मै अपने आप को पीड़ित नहीं दिखाना चाहना, सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि मैं इतनी क्षमता रखता हूं -इस व्यवस्था में बदलाव ला सकता हूं | सामाजिक सहभागिता बहुत जरूरी है | मैथली शरण गुप्त ने लिखा है कि, वे खुद को व्यथित या परेशान के रूप में प्रोजेक्ट नहीं करना चाहते | ये सरकार को महसूस करना चाहिए कि वे राज्य में पुलिसिंग को चालू रखने की क्षमता रखते है | 


जनवरी 2019 में डीजीपी की नियुक्ति से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तीन सीनियर आईपीएस से खुद चर्चा की थी | इसमें वर्तमान डीजीपी वीके सिंह के अलावा डीजी जेल संजय चौधरी और पुलिस महानिदेशक डॉ. मैथिलीशरण गुप्त शामिल थे | हाल ही में राज्य में डीजीपी के बदले जाने की अटकले तेज हो गई है | डीजीपी की दौड़ में एसआईटी चीफ राजेंद्र कुमार, अशोक दोहरे, के एन तिवारी और शैलेन्द्र श्रीवास्तव का नाम सुर्खियों पर है | 


सूत्रों के अनुसार, डीजीपी को बदले जाने की कवायद एक महीने से चल रही थी | इस पद के लिए दावेदारों में मैथिलीशरण गुप्त, अशोक दोहरे, केएन तिवारी, शैलेन्द्र श्रीवास्तव के अलावा कई अन्य नाम थे | लेकिन, सहमति राजेंद्र कुमार के नाम पर बनती दिख रही है | खबर है कि इसी हप्ते सरकार डीजीपी के नए नाम को लेकर निर्णय ले लेगी | हालांकि पैनल अभी नहीं बना है |  1985 बैच के आईपीएस अफसर राजेंद्र कुमार हनी ट्रैप मामले के लिए गठित एसआईटी के प्रमुख भी है | 


इससे पहले विजय कुमार सिंह को कांग्रेस सरकार ने जनवरी, 2019 में डीजीपी की जिम्मेदारी सौंपी थी | लेकिन सरकार उनके काम से संतुष्ट नहीं चल रही है | इसकी जो तीन प्रमुख वजह है -उसमे राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता का थप्पड़ कांड,  हनी ट्रैप केस की जाँच के लिए एसआईटी चीफ नियुक्ति को लेकर सरकार को भरोसे में न लेना और पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर नौकरशाहों के बीच खींचतान को जन्म देना जैसी वजह मानी जा रही है | 


गौरतलब है कि वरिष्ठता होने के बावजूद पिछली बार मैथली शरण गुप्त को डीजीपी की कुर्सी में बैठने का मौका नहीं मिला | उम्मीद की जा रही है कि इस पद के लिए बनने वाले नए पैनल में उनका नाम जरूर शामिल होगा | दरअसल यह तय है कि मौजूदा डीजीपी वीके सिंह को जल्द ही नया प्रभार सौपा जायेगा |