
रायगढ़ : – छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक शख्स को गुंडागर्दी के आरोप में पुलिस ने जेल दाखिल कराया था, लेकिन जमानत पर रिहा होते ही एक बार फिर उसे हवालात के पीछे भेज दिया गया है। पहले जेल से रिहाई और फिर चंद घंटों में पुनः जेल आगमन से इलाके के गुंडे -बदमाश हैरत में है। दरअसल रिहाई के वक्त आरोपी शख्स ने शान -शौक़त के साथ अपना जुलुस निकाला और सोशल मीडिया में खूब वाह -वाही बटोरी। उसका वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने इस शख्स को फिर धर -दबोचा और जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया। आरोपी शख्स इलाके का हिस्ट्रीशीटर बताया जाता है। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज है। पुलिस के मुताबिक रायगढ़ कोतवाली क्षेत्र के आदतन बदमाश दुर्गेश महंत को एक अन्य आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया है।

दुर्गेश महंत का वायरल वीडियो काफी दिलचस्प बताया जाता है, जेल से रिहाई के वक्त परिसर में सैकड़ो समर्थको के साथ उसे फूल – मालाओं से लादा जा रहा है। बदमाश भाई की हौसला अफजाई के लिए आस -पास के इलाको के कई समर्थकों के अलावा दिगज्ज असामाजिक तत्व भी मौंके पर पहुंचे थे। हर्षोलास के साथ ” भाई ” अपने घर पंहुचा था, लेकिन उसका जुलुस इलाके के लोगो की आँखों की किरकिरी बन गया। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने दुर्गेश महंत की अच्छे से खबर ली। स्थानीय थाने में उठक -बैठक लगवाई गई और अपराधों से दूर रहने की सलाह देने में पुलिस पीछे नहीं रही।

जानकारी के मुताबिक शहर के मुख्य मार्गो से गुजरता हुआ जुलूस पुलिस को भी चुनौती दे रहा था। पीड़ित परिवारों के अलावा स्थानीय लोगों ने गुंडे – बदमाशों के बुलंद हौसलों की शिकायत भी पुलिस से की थी। फिर क्या था ? बगैर अनुमति जुलूस निकालने और यातायात बाधित करने के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया। उसने बगैर देर किये कानून का डंडा चलाया और एक बार फिर आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया है। कोतवाली थाना प्रभारी सुखनंदन पटेल ने न्यूज़ टुडे संवाददाता को बताया कि 21 वर्षीय आरोपी पिछले तीन माह से जेल की हवा खा रहा था। मारपीट के आरोप में उसे जेल में दाखिल कराया गया था। पटेल के मुताबिक जमानत मिलते ही आरोपी ने एक बार फिर कानून हाथ में लिया और बगैर अनुमति जुलूस निकाला था। उन्होंने कहा कि सघन अभियान के तहत इलाके के गुंडे -बदमाशों पर नकेल कसी जा रही है। फ़िलहाल, वायरल वीडियो इतना महंगा पड़ेगा, असामाजिक तत्वों ने सोचा तक न था।