जवानों को फील गुड, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने और पेंशन के पुनरीक्षण को लेकर नया प्रस्ताव पेश, लाखों देशभक्तों को होगा फायदा

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नई दिल्ली  / चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने आज जवानों को फील गुड करवा ही दिया | उन्होंने कहा कि कई शाखाओं में अधिकारियों और जवानों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के उद्देश्य से अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के कल्याण के लिए नया प्रस्ताव लाया गया है। इन प्रस्तावों में समयपूर्व रिटायर होने वाले जवानों की पेंशन का पुनरीक्षण करना भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव के तहत जो जवान अब नौकरी के इच्छुक नहीं है, जो तकनीकी रूप से योग्य हैं और बाहर अवसरों की तलाश करने के लिए सेना से मुक्त होना चाहते हैं, उन्हें पूरी पेंशन दी जाएगी।

जनरल रावत ने कहा, ‘हालांकि, हम सक्षम फ्रंटलाइन सैनिकों की भलाई के बारे में अधिक चिंतित हैं जो वास्तविक कठिनाइयों का सामना करते हैं और जिनके साहस और शौर्य पर हम सभी गौरव महसूस करते हैं।’ अधिकारियों और जवानों दोनों की रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने के प्रस्ताव और समय से पहले रिटायरमेंट की मांग करने वाले कर्मियों की पेंशन पात्रता में कमी वाले प्रस्ताव की कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं। इसमें सेना से निवृत्त होने वाले जवानों का समुदाय भी शामिल है। इस हफ्ते की शुरुआत में प्रस्ताव की जानकारी सोशल मीडिया पर लीक हो गई थी। जनरल रावत ने कहा कि फ्रंटलाइन सैनिक सेवा के शुरुआती वर्षों में अपनी पूरी युवावस्था सियाचिन समेत चीन की सरहद पर खासतौर पर द्रास, तवांग, गुरेज और सिक्किम सीमाओं जैसे स्थानों पर बिताते हैं और ज्यादातर अपने परिवारों से दूर रहते हैं।

शांति कार्यकाल के दौरान भी उन्हें ज्यादातर आंतरिक सुरक्षा या राज्य सरकार के सहायता कार्यों का काम सौंपा जाता है। उन्होंने कहा कि 17 साल की सेवा के बाद अपेक्षाकृत कम उम्र में सेवा छोड़ने के लिए मजबूर सैनिक को प्रति माह लगभग 18,000 रुपये मिलते हैं। इससे उसे अपने परिवार, बच्चों की शिक्षा और आवास की देखभाल करनी पड़ती है। रावत ने पूछा, ‘ऐसे में उन्हें और उनकी पत्नी को आजीविका के लिए दूसरी नौकरी की तलाश करनी पड़ती है। यहां तक की छोटी-मोटी नौकरी भी करना पड़ती है। बेहतर परिलब्धियां प्राप्त करने का एक तरीका विकलांगता लाभ लेना है। क्या हमें इस प्रकार के व्यवहार को प्रोत्साहित करना चाहिए?’

उन्होंने कहा कि सैन्य पुलिस और लिपिकीय कर्मचारियों की सेवाओं की तरह सेवानिवृत्ति की उम्र और कुछ अन्य का विस्तार करके हम कठिन कार्यकाल के बाद सेवा देने वाले जवानों की देखभाल करने में सक्षम होंगे। सीडीएस ने कहा, हम उन्हें ऐसे समय पर सेवा से बाहर नहीं कर सकते जिस समय उनके छोटे बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हों और उन्हें अपने परिवार की देखभाल करनी हो।

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