इंदौर / मध्य प्रदेश का इंदौर शहर स्वच्छता का पंच लगाने की तैयारी कर रहा है | जबकि ऐसा लगता है कि इंदौर के लोगों की स्वच्छता ही आदत बन गई है | अब सफाई यहां के संस्कारों में भी शामिल हो चली है | इसका उदाहरण शहर में हुआ एक अनोखा विवाह समारोह है | जीरो वेस्ट थीम पर हुई इस शादी के कार्ड रद्दी में तब्दील न हों, इसलिए कागज के बजाए ई-कार्ड बांटे गए | यही नहीं, पूरे विवाह समारोह में ऐसी किसी वस्तु का उपयोग नहीं हुआ जिससे कचरा उत्पन्न हो और जिसे मौके पर नष्ट न किया जा सके | दो दिन तक चले शादी समारोह में केवल 40 किलो गीला कचरा निकला, जिसका निपटान विवाह समारोह स्थल पर ही कर खाद में तब्दील कर दिया गया |
यह अनूठी शादी पिछले दिनों माचल गांव के एक गार्डन में हुई। इंदौर आइआइटी से मैकेनिकल इंजीनियर रोहित अग्रवाल और इंटिरियर डिजाइनर पूजा गुप्ता ने फैसला किया था कि वे जीरो वेस्ट थीम पर ब्याह रचाएंगे। रोहित बनाते है कि वे पद्मश्री जनक पलटा के यहां गए थे। वहां ‘उन्हें शादी में कचरा कर न करे शादी का कचरा’ विषय पर अपनी बात रखने को कहा गया था। तब से उन्होंने फैसला लिया था कि वे जब भी शादी करेंगे तो कचरा नहीं फैलाएंगे। इस साल जब उनकी रिश्ता पक्का हुआ तो उन्होंने अपनी होने वाली पत्नी पूजा के सामने जीरो वेस्ट थीम पर शादी की पेशकश की और वे भी तैयार हो गईं।
मौके पर ही कर दिया कचरे का निपटान
शादी में न तो डिस्पोजल सामग्री का इस्तेमाल हुआ, न साज-सज्जा में ऐसी सामग्री लगाई,जिससे कचरा निकले | मेहमानों को भेजे निमंत्रण पत्र से भी कचरा न हो इसलिए ई-कार्ड भेजे गए | भोजन के लिए स्टील और चीनी की प्लेटों का इस्तेमाल हुआ | जबकि मेहमानों से भी आग्रह किया गया कि वे झूठा न छोड़ें | वहीं, खाना बनाने के दौरान निकले सब्जियों के कचरे को मौके पर ही निस्तारित कर दिया गया | जबकि पूरी शादी में 40 किलो निष्पादन योग्य कचरा निकला वो भी कचरा परिवहन वाहन तक नहीं पहुंचा | उस कचरे से खाद बनाने के लिए विवाह समारोह में ही वेस्ट कन्वर्टर वैन में भेजा गया | यहीं नहीं, रोहित व दो साथियों ने वेस्ट मैनेजमेंट कचरा प्रबंधन क्षेत्र को करियर के लिए चुना है और स्वाह नामक स्टार्टअप शुरू किया है जिसने कई अवॉर्ड भी जीते हैं |
एक शादी में निकलता है 2 हजार किलो कचरा
आमतौर पर शहर में एक होटल से प्रतिदिन 400 से 500 किलो कचरा निकलता है | होटल में विवाह समारोह होने पर कचरे की मात्रा बढ़कर प्रति आयोजन स्थल डेढ़-दो हजार किलो तक पहुंच जाती है | इंदौर शहर में फिलहाल हर दिन 800 से एक हजार टन कचरा निकलता है इसे प्रोसेस करने के लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड समेत दूसरे निर्धारित स्थलों पर भेजा जाता है |
होलकर स्टेडियम में भी जीरो वेस्ट थीम पर हुए इंटरनेशनल मैच
कोरोना काल से पहले होलकर स्टेडियम में कई अंतरराष्ट्रीय मैच भी जीरो वेस्ट थीम पर हुए और दो साल पहले बोहरा समाज का आयोजन अशरा मुबारक 1440 का आयोजन हुआ था, जिसकी थीम भी जीरो वेस्ट रखी गई थी | तब प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों का भोजन बनता था और 250 टन आर्गेनिक वेस्ट रोज निकलता था | इससे खाद तैयार कर समाज ने गुजरात के किसानों तक पहुंचाई थी |