हौसलो से ऊंची उड़ान

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हम ऐसे सनातन धर्म की उत्पत्ति हैं जिसने हमें त्याग एवं बलिदान की भावना सिखाई लगातार कई समय से अपने संगठनात्मक एवं धार्मिक कार्य करते हुए कुछ ही समय में अपनी कार्यशैली से काफी लोगों के दिलों में अनोखी जगह बना ली। सचिन कश्यप अपने गुरु प्रभु श्री राम को मानते हैं धार्मिक एवं सामाजिक विकास आधारित सतत सेवा भावी जज्बा और बेदाग छवि सचिन कश्यप के कार्य और व्यक्तित्व को समेटने के लिए यह शब्द भी कम है।

सचिन कश्यप कौन सौभाग्यशाली लोगों में से एक हैं जो उम्र में कम है लोगों में अपने व्यवहार एवं व्यक्तित्व के दम पर पूरे समाज में लोकप्रियता के शिखर पर सवार रहते हैं राजस्थान के झालावाड़ जिले में 1997 में जन्मे सचिन कश्यप बचपन से ही भगत सिंह महाराणा प्रताप आदि महापुरुषों की कहानी से प्रभावित रहे सचिन कश्यप का जन्म साधारण परिवार में हुआ तथा वह धर्म को प्राथमिकता देते हैं।

सचिन कश्यप अपनी बेबाक एवं मीटर छवि के कारण जीवन में पहचाने जाते हैं उनके संघर्षशील जीवन में अनेकों अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा वह संगठनात्मक एवं धार्मिक कार्य को ही अपना धर्म मानते हैं एवं उसे कर्म रूपी निर्वहन के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं परिस्थिति और परिणाम कुछ भी अगर सचिन कश्यप को विश्वास हो जाता है कि उनकी बात तो फिर तू सही है तो वह पूर्ण रुप से निडरता का परिचय देते हैं

सचिन कश्यप का मानना है कि आपके पास हिम्मत है हौसला है धैर्य है कार्य के प्रति समर्पण एवं समर्थन की भावना है तो जीवन में सफलता आपसे ज्यादा दूर नहीं है सरल स्वभाव मिलन सरिता उच्च विचार एवं समाजसेवी के धनी सचिन कश्यप में अपनों से बड़ों का सम्मान करने की भावना कूट-कूट कर भरी है।

सचिन कश्यप द्वारा संगठन को ही कर्म भूमि माना सचिन कश्यप ने लगातार संगठनों में पूर्ण निष्ठा से कार्य किया जिससे सचिन कश्यप की छवि पूरे जिले में निष्पक्ष एवं निडर बनी उन्होंने अपने संगठन के कार्यकर्ताओं को ही अपना परिवार माना एवं उनके हर सुख दुख में अपने संगठन के सदस्यों के साथ खड़े रहे उनका मानना है कि संगठन का कार्य प्रभु की भक्ति के समान है।

सचिन कश्यप द्वारा किए गए कुछ कार्यों पर नजर 👇

अयोध्या राम मंदिर निर्माण तक नंगे पैर रहने का संकल्प – सचिन कश्यप से जुड़े हुए लोगों का कहना है कि सचिन कश्यप एक चंचल स्वभाव के साथ जिद्दी स्वभाव के भी रहे हैं एवं सचिन कश्यप की प्रभु श्रीराम में एक अटूट आस्था रही है जब अयोध्या प्रभु श्री राम का मामला न्यायालय विचाराधीन था तब सचिन कश्यप एवं उनकी टीम द्वारा लगातार कई बार बड़े आंदोलन कर राम मंदिर अयोध्या का मामला हल करने के लिए एवं अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर बनवाने के लिए कई बार आंदोलन किया गया एवं सचिन कश्यप द्वारा कहीं समय पूर्व एक संकल्प लिया गया कि जब तक अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर नहीं बन जाता वह नंगे पैर रहेंगे उनके यहां संकल्प लेने के बाद कहीं लोगों द्वारा उनकी आलोचना की गई एवं कई लोगों द्वारा उनकी हंसी भी उड़ाई गई लेकिन सचिन कश्यप पीछे नहीं हटे एवं आज भी नंगे पैर घूम रहे हैं उन्होंने यह संकल्प तब लिया था जब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी एवं राम मंदिर अयोध्या का मामला न्यायालय में विचाराधीन था उस मामले पर सुनवाई नहीं हुई थी

धर्म एवं राष्ट्र विरोधी फिल्मो का विरोध – सचिन कश्यप द्वारा अपने क्षेत्र में सिनेमा हॉल में लगने वाली राष्ट्रीय एवं धर्म विरोधी फिल्मों का जोरदार विरोध प्रदर्शन किया एवं अपने क्षेत्र के टॉकीज मालिकों को चेतावनी देते हुए भी कई बार सचिन कश्यप नजर आए कई बार टाकिजों तोड़फोड़ जैसी घटनाएं भी सचिन कश्यप एवं उनसे जुड़े हुए लोगों ने की एवं सचिन कश्यप टीम द्वारा कई बार बहुत सी फिल्मों को अपने क्षेत्र में नहीं चलने दिया गया।

चीनी सामानों का विरोध – चीन द्वारा एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करने पर सचिन कश्यप एवं उनसे जुड़े हुए टीम के लोगों द्वारा चीनी सामानों का बहिष्कार करें एवं अपने शहर में लगने वाले चीनी महलों का जमकर विरोध किया एवं विरोध करते-करते कही बार चीनी मेलो के अंदर जाकर तोड़फोड़ जैसी घटनाएं भी सचिन कश्यप एवं उनकी टीम के व्यक्तियों द्वारा की गई विरोध का असर इस तरह हुआ कि जिले में लगने वाले चीनी मेले पूर्ण रुप से बंद हो गए।

खून से लिखा लेटर – सचिन कश्यप से जुड़े हुए व्यक्तियों का कहना है कि बलात्कार जैसी घटनाओं का नाम सुनते ही सचिन कश्यप उग्र हो जाते हैं एवं कई बार बलात्कारियों को सजा दिलवाने के लिए उन्होंने कहीं प्रकार के ऐसे प्रदर्शन किए गए जिसमें कानून को भी अपने हाथों में ले लिया गया सचिन कश्यप का कहना है कि बलात्कारियों को बीच चौराहे पर फांसी दे देनी चाहिए लेकिन हमारा कानून बलात्कारियों को प्रोटोकॉल देने का कार्य करता है सचिन कश्यप द्वारा कहीं बाहर केंद्र सरकार को अपने खून से पत्र लिखा गया जिसमें बलात्कारियों को फांसी दिलवाने एवं बलात्कार जैसी घटनाओं पर कड़ा कानून बनाने का आग्रह सचिन कश्यप एवं उनकी टीम द्वारा किया गया

नाथूराम गोडसे जयंती बनाकर चर्चाओं में आए – सुनने में आपको थोड़ा आश्चर्य होगा लेकिन सचिन कश्यप अपने कार्यों से पहचाने जाते हैं उसी प्रकार सचिन कश्यप उस समय चर्चाओं का विषय बन गए जिस समय पूरा देश गांधी जी को पूछ रहा था एवं सचिन कश्यप से जुड़े टीम के व्यक्ति नाथूराम गोडसे की जयंती बना रहे थे सचिन कश्यप का कहना है कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है उसी तरह हमारे देश में रहने वाले व्यक्तियों को अभिव्यक्ति की आजादी है जब दिल्ली यूनिवर्सिटी मैं अफजल गुरु जैसे आतंकवादियों की भर्ती बन सकती है जिसमें इस देश में कई आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया तो इस देश में नाथूराम गोडसे जैसे महापुरुष की जयंती भी बन सकती है और हम नाथूराम गोडसे को पूछते रहेंगे क्योंकि हम पूर्ण रुप से स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक हैं क्योंकि गांधी को ना मानना देशद्रोही नहीं है यह अपनी-अपनी विचारधारा है।

गो मिल्क पार्टियों का आयोजन – सचिन कश्यप एवं उनसे टीम से जुड़े हुए लोगों द्वारा कई बार कॉलेजों में गो मिल्क पार्टियों का आयोजन कर गौ माता के दूध का निशुल्क वितरण किया गया एवं गौ माता के दूध का महत्व बताया गया सचिन कश्यप ने कहा कि इस देश में कई जगहों पर गौ मांस पार्टियां होती है तो वो मिल्क पार्टियां भी हो सकती है।

कई बार कानून को लिया अपने हाथों में – सचिन कश्यप से जुड़े व्यक्तियों का यह कहना है कि एवं जिले वासियों का यह मानना है कि सचिन कश्यप अपनी विचारधारा के खिलाफ अगर कोई कार्य होता देखने तो तुरंत वहां उग्र हो जाते हैं एवं सचिन कश्यप द्वारा कई बार कानून को भी अपने हाथों में ले लिया गया सचिन कश्यप से जब का पूछा गया कि आपको कानून का भय नहीं है क्या तो सचिन कश्यप द्वारा कहा गया कि हम कानून का पूर्ण रूप से सम्मान करते हैं लेकिन कोई हमारी मां को मारेगा तो हम कानून का इंतजार नहीं करेंगे और भारत देश हमारी मां है.

आतंकवादी हमलों का विरोध – सचिन कश्यप एवं उनकी टीम द्वारा कई बार भारतीय सेना पर हुए आतंकवादी हमलों का पुरजोर तरह से कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर बैठकर विरोध किया एवं भारतीय सेना को स्वतंत्र अधिकार देने की मांग की गई एवं कई बार केंद्र सरकार से यह मांग की गई कि आतंकवाद को उसी की भाषा में जवाब दिया जाए।

गोसेवा को दिया महत्व – सचिन कश्यप द्वारा लगातार कई समय से निस्वार्थ भाव से गौ सेवा की जा रही है उसी को लेकर कई बार जिले के पशु चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दी एवं कई बार सचिन कश्यप गौ तस्करों का पीछा करते हुए अपने कार्यकर्ताओं के साथ घायल भी हुए हैं एवं कई बार गोवंश के पिकअप आदि पकड़े हैं जिन की पिटाई सचिन कश्यप एवं उनकी टीम द्वारा की गई।

कोरोना काल की नंगे पैर सेवा – जिस तरह की ज्ञात है सचिन कश्यप कई साल पहले राम मंदिर निर्माण पर नंगे पैर रहने का संकल्प ले चुके हैं एवं कोरोना महामारी के समय सचिन कश्यप द्वारा निस्वार्थ भाव से गोवंश को चारा डालने का कार्य निरंतर एवं लगातार 2 सालों तक किया गया जिसमें वह नंगे पैर शहर में घूम-घूम कर गोवंश को चारा पानी आदि की व्यवस्था कर रहे हैं उसी के साथ साथ जब कोरोना महामारी अपनी चरम सीमा पर थी उस समय सचिन कश्यप द्वारा कोरोना महामारी से अपने जीवन त्याग देने वाले व्यक्तियों या यूं कहें कोरोना वायरस से मरने वाले व्यक्तियों का अंतिम संस्कार सचिन कश्यप एवं उनकी टीम द्वारा किया गया एवं लगातार सचिन कश्यप द्वारा बिना डरे कोरोना महामारी में नंगे पैर सेवा में लगे रहे एवं अपने जिले में एक मिसाल के रूप में भी उभर कर आए।

छोटी सी उम्र में कई राष्ट्रीय पुरस्कार – सचिन कश्यप द्वारा मात्र 21 साल की उम्र में कई राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं सचिन कश्यप 2017 में कोटा रत्न पुरस्कार से सम्मानित हुए जोकि क्राइम पेट्रोल के अनूप सोनी द्वारा उनको दिया गया एवं 2018 में सचिन कश्यप के स्टार अवार्ड से सम्मानित हुए जोकि द टार्जन वंडर कार के वत्सल सेठ द्वारा उनको दिया गया इसके अलावा सचिन कश्यप कई राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं सचिन कश्यप दुष्कर्म मुक्त फाउंडेशन द्वारा 2019 भी सम्मानित किए जा चुके हैं दुष्कर्म मुक्त फाऊंडेशन द्वारा सचिन कश्यप के द्वारा किए गए कार्य जिसमें उन्होंने एसिड अटैक को रोकना बलात्कारियों को सजा दिलवाना एवं महिला सशक्तिकरण पर जोर देने पर उनको सम्मानित किया गया एवं सचिन कश्यप कई बार अपने जिले में अनेकों अनेक पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं।

अपने जिले के हॉस्पिटल में दे रहे निशुल्क सेवाएं – सचिन कश्यप एवं इनसे जुड़े हुए टीम के व्यक्ति हर समय अपने जिले के सरकारी हॉस्पिटल में मौजूद रहते हैं जो वहां पर आने वाले व्यक्तियों की मदद के लिए 24 घंटे तैयार रहते हैं। मात्र 21 साल की उम्र में इंटरव्यू – सचिन कश्यप मात्र 21 साल की उम्र में कहीं न्यूज़ चैनल एवं कहीं मैगजीन में अपना इंटरव्यू दे चुके हैं जिनमें उनको बेबाक एवं निडर छवि का दिखाया है तो कहीं इंटरव्यू में सचिन कश्यप को उग्र भी बताया है।

सफलता का श्रेय – मुख्यतः सचिन कश्यप अपनी सफलता का श्रेय अपने पिताजी को देते हैं जिनको देखकर उनका हौसला बढ़ता है एवं सचिन कश्यप का मानना है कि वह आज जो भी है अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से हैं एवं वह अपने कार्यकर्ताओं के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए 24 घंटे तत्पर रहते हैं।

राजनीति से परे सचिन कश्यप – सचिन कश्यप द्वारा कई बार अपने विचारधारा वाली राजनीतिक पार्टियों का भी विरोध करते हुए वह नजर आए हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गौ तस्करों को गुंडा कहे जाने पर सचिन कश्यप द्वारा भारत के प्रधानमंत्री तक का विरोध कर दिया गया उन्होंने कहा कि हमारे लिए विचारधारा से बढ़कर कुछ नहीं है उसी के पलट जब धारा 370 का मामला हल हुआ तो सचिन कश्यप द्वारा प्रदर्शन कर नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त किया गया।