रिपोर्टर – रफीक खांन
सुकमा – जिले के पड़ोसी राज्य जिला मलकानगिरी ओड़िसा में माओवादी संगठन का एक बहुत बड़ा हथियारों का ज़खीरा बरामद हूआ है । ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य के अंतिम सीमा क्षेत्र जहाँ की चार राज्यों का बार्डर इलाका एक बड़े पहाडों व जंगलों से गिरा हूआ है । इन इलाकों में बितें कई वर्षों से माओवाद नक्सलवाद की संगठन चलती आ रही है । इसको को लेकर इन राज्यों में सीआरपीएफ बीएसएफ के साथ राज्य पुलिस बल इस संगठन को खत्म करने में लगी हूई है । इसी क्रम में ओड़िसा पुलिस बीएसएफ कोबरा और आंध्र पुलिस की टीमों ने संयुक्त अभियान में भाग लिया हूआ है । काउंटर-एलडब्ल्यूई अभियान के रूप में जारी ऑपरेशन के तहत इन इलाकों को विकासशील बनाना और सड़कों को गाँवों से जोड़ने के साथ नक्सलवाद इलाके को उन से मुफ्त कराना प्रमुख ऑपरेशन के रूम में लिया गया है । इस दौरान नक्सलवाद द्वारा क्षेत्र में कनेक्टिविटी विकास को लगातार रोकना विरोध करना नुकसान पहुंचाना जारी था । इसी बीच एक संयुक्त ऑपरेशन 15 जनवरी को गोपीगुड़ा गांव के आसपास वाले इलाके में चल रहा था । इस दौरान नक्सलीयों के एक मुठभेड़ हूई थी । जिसके बाद उक्त घटना स्थल से नक्सली भाग खड़े हूए थे । वहाँ कुछ नक्सली के गोपनीय दस्तावेज सुरक्षा बलों को हाथ लगे थे । जिसके आधार पर तथा पुलिस की इनपुट जानकारीयों के जरिए उस इलाके का संघन सर्च किया गया ।जिसे बाद माओवाद संगठन के द्वारा छुपाये रखा हूआ एक हथियारों का ज़खीरा बरामद हूआ । बरामद इस जखीरे में 1 इंसास एल एम जी, 3 कार्बन स्टैंड गन, 3 इंसास राइफल, 1 एस एल आर, 1 303 राइफल के साथ तीन सौ से अधिक राउंडस खाली मैगज़ीन टिफ़िन बम पांच बंडल कोडेक्स वाइयर इत्यादि को जप्त कर लिया गया है ।
सुरक्षा बलों तथा मलकानगिरी पुलिस को मिली इस बड़ी कामयाबी की पुष्टि मलकानगिरी एसपी ऋषिकेश खिलारी ने करते हुए कहाँ संदेह है कि हथियारों का कैश आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (ABSZC) के नक्सलियों द्वारा छिपाया गया था। बरामदगी के मद्देनजर पुलिस ने इस तरह के और अधिक नक्सल डंपों को पुनर्प्राप्त करने के लिए क्षेत्र में ऑपरेशन तेज कर दिया है।