दिल्ली / रायपुर : छत्तीसगढ़ के 36 हजार करोड़ के नान घोटाले पर आज अप्रत्याशित बहस हुई| कोर्ट रूम में चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष तीनो ही पक्षों ने अपनी-अपनी दलीले पेश की। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने को लेकर जहां केंद्र सरकार की ओर से ED ने अपना पक्ष रखा ,वही छत्तीसगढ़ शासन और बचाव पक्ष दोनों ने ही ED के आरोपों पर अपनी दलीले पेश की एसजी तुषार मेहता ने बताया कि कैसे नान घोटाले के 72 गवाह बघेल सरकार और उनके अफसरों के दबाव में पलट गए|
उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की SIT कैसे मुख्य आरोपी अनिल टुटेज के इशारो पर काम कर रही थी ? वही दूसरी ओर कपिल सिब्बल ने सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा|उधर मुकुल रोहतगी ने भी ED जांच और अधिकारों को लेकर कई सवाल खड़े किए|जानकारी के मुताबिक दोनों ही पक्षों की ओर से बंद लिफाफा रिपोर्ट अदालत के समक्ष पढ़ी गई|फिलहाल मामले की अगली सुनवाई दो दिन बाद 20 अक्टूबर को होगी|