CM Oath : इस सीएम को घोटाले की ईमानदारी से जांच करने के लिए लोगो के बीच खानी पड़ी भगवान की कसम , CM बोले – बाबा केदार की सौगंध भर्ती घोटाले की कार्रवाई नहीं रुकेगी

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हरिद्वार : आमतौर पर चुनाव करीब आते ही विपक्षी दल सत्ताधारी पार्टी के लिए यही दावा करता है कि जब वे सत्ता में आएंगे तो इस सरकार के घोटालो का पूरा हिसाब – किताब होगा। लेकिन कुर्सी मिलते ही मामला रफा – दफा हो जाता है। सत्ताधारी दल भी उसी तर्ज पर घोटाले करता है और निष्पक्ष जांच के लिए लोगो को भरोसा दिलाता है। दोनों नूरा – कुश्ती खेल कर जनता को बेवकूफ बनाते है। ऐसा मामला छत्तीसगढ़ की जनता देख भी रही है। लेकिन ताजा मामला भर्ती घोटालो का है। इसकी जांच की मांग अरसे से हो रही है। लोगो को जब संदेह हुआ कि मौजूदा सरकार भी पूरवर्ती घोटालेबाजो के साथ मिलकर और बड़ा घोटाला करने में जुटे है , तो जनता ने अपनी ताकत दिखाई।

नतीजतन मुख्यमंत्री को जनता के सामने कसम खा कर कहना पड़ा कि घोटालेबाजो को वो नहीं बचाएंगे। घटना हिमाचल प्रदेश की है। यहाँ के मुख्यमंत्री को कसम खा कर कहना पड़ा कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा , आखिरी दोषी की गिरफ्तारी तक हम नहीं रुकेंगे। CM पुष्करसिंह धामी ने कहा कि नौकरियों के नाम पर प्रदेश में पहले से लेकर अब तक जो धांधलियां हुई है उसके आरोपियों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा। एक कार्यक्रम में यह घटना हुई। लोगो को विश्वास दिलाने के लिए धामी ने कहा कि बाबा केदार की सौगंध भर्ती घोटाले की कार्रवाई नहीं रुकेगी। दरअसल राज्य में इस भर्ती घोटाले की नीव कांग्रेस शासन काल में रखी गई थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश का उत्कृष्ट राज्य बनाने के लिए हमें वर्क कल्चर विकसित करना होगा। एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपने के बजाय सभी को मिलकर कार्य करना होगा तभी नए मुकाम हासिल किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा केदार की सौगंध है भर्ती घोटाले को लेकर की जा रही कार्रवाई नहीं रुकेगी। CM , तिलवाड़ा स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि आखिरी दोषी की गिरफ्तारी तक हम नहीं रुकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरियों के नाम पर प्रदेश में पहले से लेकर अब तक जो धांधलियां हुई है उसके आरोपियों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा। दरअसल यहाँ कई जनप्रतिनिधियों, आमजन ने CM को सौंपे ज्ञापन में कहा था कि सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार एक नासूर है जिसे खत्म करना जरूरी है।