छत्तीसगढ़ पुलिस की दुर्ग रेंज की उस पुलिस टीम की खूब वाह-वाही हो रही है ,जो लंबे अरसे से फरार कुख्यात डीजी मुकेश गुप्ता को धर दबोचने के लिए दिल्ली पहुंची थी | यह टीम गुरुवार को “बैरंग” वापस लौट आई है | दिल्ली “भ्रमण” और सैर-सपाटा करके लौटी टीम के सदस्य काफी थकावट महसूस कर रहे है | इस टीम के सकुशल “दुर्ग” लौट आने से पुलिस तंत्र के ईमानदार और कर्त्यवपरायण कर्मी बेहद खुश है | “सरदार” तो मारे ख़ुशी के फूले नहीं समां रहे है | उनका तो विचार है कि इस टीम के सभी सदस्यों को भी “पुलिस मेडल” और “आउट ऑफ़ टर्न” पद्दोनति से क्यों ना नवाजा जाए ? आखिर इतने बड़े कार्य के लिए वो दिल्ली जो गये थे | उन्हें पूरा भरोसा था कि इस टीम को जो भी कहा गया है वो उसे अमलीजामा जरूर पहनाएगी | उधर राज्य की जनता को भी पूरा भरोसा था कि यह टीम “खाली हाथ” हीं लौटेगी | दरअसल जियो ट्रैकर ,सीडीआर ,इंटर सेप्टर समेत कई आधुनिक तकनीक मौजूद होने के बावजूद दिल्ली गई टीम को आरोपी मुकेश गुप्ता के बारे में कोई इनपुट नहीं मिला था | लिहाजा स्वाभाविक था ,कि दुर्ग पुलिस का दिल्ली भ्रमण दौरा कामयाब रहेगा | करीब दो हफ्ते की मौज-मस्ती के बाद दिल्ली से रायपुर पहुंची इस पुलिस टीम के लीडर और सदस्य अब अपना अनुभव रेंज आईजी हिमांशु गुप्ता के साथ साझा करेंगे | वो उन्हें बताएंगे कि आलाधिकारियों के निर्देशों का किस तरह से समुचित पालन किया गया था | यही नहीं दिल्ली में भारी बारिश और जगह जगह लगे जाम के बावजूद भी उन्होंने सैर -सपाटे में कोई कमी बाकि नहीं रखी थी |
गौरतलब है कि दुर्ग के सुपेला थाने में आरोपी मुकेश गुप्ता के खिलाफ “चार सौ बीसी” का मुकदमा दर्ज हुए लंबा समय बीत चूका है | आमतौर पर इतने दिनों तक कोई “भाग्यशाली” आरोपी ही पुलिस पकड़ से कोसो दूर रहता है | वो भी “राष्ट्रीय राजधानी” जैसे महानगर में डेरा डाले जाने के बावजूद | यह भी उल्लेखनीय है कि आरोपी मुकेश गुप्ता के पता ठिकानों की भनक “दिल्ली पुलिस’ को ना लग जाए इसके लिए “पुलिस मुख्यालय” ने भी काफी सतर्कता बरती थी | आलाधिकारियों ने “दुर्ग रेंज” की पुलिस टीम को इतना अधिक सावधान किया था कि उसने भूल से भी कुख्यात आरोपी की धर पकड़ के लिए “दिल्ली पुलिस ” से कोई संपर्क नहीं साधा | लिहाजा आरोपी मुकेश गुप्ता कभी दिल्ली में तो कभी लखनऊ और अहमदाबाद में छत्तीसगढ़ सरकार के “तख्ता पलट” के लिए जोर आजमाइश में जुटा रहा | उसने कई नेताओ को भरोसा दिलाया कि इसके लिए उसके “गिरोह” के पास एक हजार करोड़ तक का बजट प्रस्तावित है | आरोपी मुकेश गुप्ता की मेहनत कितनी रंग लाएगी ये तो वक्त ही बाएगा | फ़िलहाल छत्तीसगढ़ पुलिस के आलाधिकारी इस आरोपी को “फरार घोषित ” करने की तैयारी में है | यह कार्य भी उनके लिए “पहाड़ तोड़ने” जैसा भारी भरकम है |बहरहाल छत्तीसगढ़ “पुलिस मुख्यालय” को इंतजार है कि आरोपी मुकेश गुप्ता “खुद- ब- खुद” अदालत में उपस्थित होकर “छत्तीसगढ़ पुलिस” को राहत प्रदान करेंगे

