Land For Job Scam: एक्शन में सीबीआई , 2 दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी, लालू यादव-राबड़ी देवी भी लपेटे में , दर्ज हुई FIR

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दिल्ली : आज सुबह से सीबीआई एक्शन में है | उसने नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में बिहार में कई ठिकानो पर छापेमारी कर लालू यादव और राबड़ी देवी समेत 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है | सरकारी योजना में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को लेकर आज सीबीआई ने 24 ठिकानों पर छापेमारी की है | ये छापेमारी बिहार, गुरुग्राम और दिल्ली में की गई है | बताया जाता है कि सीबीआई ने  जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के नाम पर दर्ज मामले में की है | दरअसल , आरोप है कि जिस समय लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे उस समय उनके कार्यालय में रेलवे में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई थी | 

आवेदकों से नौकरी के बदले जमीन ली गई थी | सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद FIR दर्ज कर छापेमारी को अंजाम दिया है | लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव और बाकी आरोपी जिन्होंने जमीन के बदले नौकरी ली उनके खिलाफ आईपीसी 120बी, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 11,12 (1988), 13(2) 13(1) (d) प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 दर्ज किया गया. इस केस की जांच आईओ रूपेश कुमार श्रीवास्तव एसपी संदीप कुमार शर्मा कर रहे हैं | इसी सिलसिले में सीबीआई की छापेमारी जारी है | 

बताया जाता है कि सीबीआई ने 23 सितंबर 2021 को प्रारंभिक जांच शुरू की थी | जांच में सामने आया था कि रेलवे की भर्ती प्रक्रिया में घोटाला हुआ है | इसके बाद CBI ने 18 मई 2022 को FIR दर्ज कर इसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया हैं | बताया जाता है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो नौकरी के बदले आरोपियों के नाम पर जमीन और प्लॉट लिए गए थे | इस मामले में लालू यादव के करीबी भोला यादव पहले ही सीबीआई के हत्थे चढ़ चुके है | वो साल 2004 से 2009 में जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब उनके ओएसडी थे. उन्हें भी जमीन के बदले नौकरी वाले केस में गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने इसी साल 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी.इस मामले में लालू यादव के करीबी भोला यादव पहले ही सीबीआई के हत्थे चढ़ चुके है | वो साल 2004 से 2009 में जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब उनके ओएसडी थे|

उन्हें भी जमीन के बदले नौकरी वाले केस में गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने इसी साल 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. एफआईआर में आरोप है कि जब लालू यादव रेल मिनिस्टर थे उस दौरान कई जोन में नौकरियां दी गई, जिसमें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, हाजीपुर, दिल्ली, पटना और जयपुर है. इन सभी जगहों पर जमीन के बदले नौकरी बांटी गई. जिन लोगों को नौकरी दी गई उन्होंने अपनी जमीन लालू प्रसाद यादव या राबड़ी देवी या लालू की कंपनी AK infosystems PVT LTD के नाम की. ये सभी नौकरी रेलवे में ग्रुप D की पोस्ट के लिए थी | सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2004 से 2009 के बीच कई लोगों को अलग अलग जॉन में रेलवे में ग्रुप डी के पद पर लाया गया, जिन्हें बाद में अज्ञात इंडियन रेलवे के अधिकारियों ने रेगुलर कर दिया. इन लोगों ने जमीन के बदले ग्रुप डी की नौकरी पाई थी|

अज्ञात रेलवे के अधिकारियों ने भर्ती के लिए गाइडलाइंस का उल्लंघन किया था | जांच में सामने आया कि जो शख्स पटना में रहता है उसे अलग अलग जॉन जैसे जबलपुर, कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली में अपॉइंट किया गया. इसके बदले या तो इन्होंने खुद या इनके परिवार के लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री भारत सरकार लालू यादव के नाम या AK infosystems pvt limited कंपनी के नाम कर दी थी | 

पटना के महुबाग के रहने वाले स्वर्गीय  किशन देव राय ने 3375 स्कॉयर फीट जमीन राबड़ी देवी के नाम 3,75,000 के कन्सिडरेशन पर रजिस्ट्री कर दी |  इसके बदले किशन देव के पोतों राजकुमार, मिथलेश और अजय कुमार को मुंबई में ग्रुप डी की पोस्ट पर रखा गया. इसी तरह महुबाग के संजय राय ने 3375 स्कॉयर फीट जमीन का पार्सल राबड़ी देवी के नाम 3,75,000 के सेल कन्सिडरेशन पर किया था | इसके बदले संजय राय, धर्मेंद्र और विकास को मुंबई में रेलवे में नौकरी मिली. जबकि किरणदेवी, जो बिन्दोल गांव थाना बिहता पटना की रहने वाली हैं, इन्होंने 1 एकड़ 85(3/4) तकरीबन 80905 स्कॉयर फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती के नाम मात्र 3,70,000 के सेल कन्सिडरेशन पर ट्रांसफर की थी | इसके बदले इनके बेटे अभिषेक कुमार को 2008 में मुंबई में रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी मिली | अहम बात यह है कि इन सभी जोन में किसी नौकरी के लिए कोई पब्लिक नोटिस नहीं निकाला गया था |