Uttarkashi Avalanche : भारत की बर्फीली पहाड़ियों में भूकंप और एवलांच से तबाही की आशंका , सतर्क हुए टूरिस्ट , उत्तरकाशी से लेकर हिमालय के चोटियों में हलचल तेज , ग्लेशियर में SDRF उतरी

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दिल्ली / शिमला / हरिद्वार : हिमालय की वादियों में भगवान भोलेनाथ से जान बचाने की गुहार लगाते हुए हजारो सैलानी सुरक्षित ठिकानो की ओर तेजी से बढ़ रहे है | दरअसल बर्फीली पहाड़ियों में लगातार एवलांच आ रहे है | यहाँ अब भूकंप का भी खतरा मंडराने लगा है | वैज्ञानिक खोज में जुटे है कि अचानक ऐसा क्यों हो रहा है | 

पहाड़ो में लगातार हो रही बर्फबारी के बीच भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से रेकी की जा रही है. कई हेलिकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर रखे गए हैं. एवलांच की वजह से टूरिस्ट की जान पर बन आई है | वो हादसे का शिकार हो रहे है |  

उत्तरकाशी एवलांच हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है | इस हादसे में अब तक 8 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. जबकि 34 ट्रेनी और 7 पर्वतारोहण प्रशिक्षकों सहित कुल 41 लोगों के हिमस्खलन की चपेट में आने की खबर है.

यहां लगातार बर्फबारी के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. SDRF के 5 जवान और NIM के तीन ट्रेनी डोकरानी बामक ग्लेशियर में उतारे गए हैं | यहाँ द्रौपदी की डंडा-2 पर्वत चोटी पर लगातार भारी बर्फबारी हो रही है. इसके बावजूद, एनआईएम पर्वतारोहण प्रशिक्षुओं को बचाने के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से रेकी की जा रही है. कई हेलिकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर रखे गए हैं. 

पहाड़ो में फंसे लोगों और हादसे को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी टीमें बचाव में लगी हुई है. भगवान से प्रार्थना है कि सभी लोग सुरक्षित लौट आएं. उत्तरकाशी में पर्वतारोहण संस्थान के 28 ट्रेनी पर्वतारोही पर्वतारोहण के लिए गए थे. घटना 14,000 फीट की ऊंचाई पर हुई. इस हादसे में 8 लोगों को बचा लिया गया, जबकि बाकी लोगों की लोकेशन का अभी पता नहीं चल पाया है. स्थानी लोगों के मुताबिक हिमस्खलन में 10 लोगों की मौत हुई है. 

उधर उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास नौ दिन में तीन बार एवलांच आ चुके हैं. इससे कुदरत के बर्फीले हमले की आशंका गहरा गई है.  देवभूमि के रूप में जानी जाने वाली उत्तराखंड की धरती पर बड़ी प्राकृतिक आपदा होनी की आशंका है. कुदरत बर्फीला हमला कर सकती है. दरअसल, केदारनाथ धाम के पास नौ दिनों में तीन बार एवलांच आ चुके हैं. हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक इसके कारणों को खोज रहे हैं 

केदारनाथ धाम के पास बार-बार एवलांच आने पर वैज्ञानिक चिंता में है | लोगों को यहाँ वर्ष 2013  जल प्रलय जैसी आशंका नजर आ रही है | करीब 8 साल पहले ऐसे ही ख़राब मौसम के चलते मंदाकिनी नदी में उफान आ गया था |

2013 में 13 से 17 जून के बीच बारिश के नहीं थमने से इस नदी में बाढ़ प्रलय की  चपेट में आने से लगभग 5000 जिंदगियां ख़त्म हो गई थी | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी नेपाल का हिस्सा भी इसकी चपेट में आया था. इस आपदा में लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिल पाया था. हिमालय की पहाड़ियों में अभी टूरिस्ट का कारोबार जोर पकड़ा ही था की बर्फीले तूफान की खबरों के बाद टूरिस्ट उल्टे पाँव लौटने लगे है | 

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