Saturday, September 21, 2024
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corrupt IAS : ED का खुलासा, रसोइये के फोन नंबर से अवैध वसूली करती थीं IAS पूजा सिंघल , अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों का निवेश अस्पतालों में भी

रांची : झारखंड केडर की वरिष्ठ IAS पूजा सिंघल कमीशन वसूली और लेन-देन से जुड़ी बात करने के लिए अपने कुक के मोबाइल नंबर से एप्पल के फेसटाइम ऐप के जरिए कॉल किया करती थी | वो मेसेंजर और व्हाट्सप कॉल के जरिये सिर्फ आपात स्थिति में ही बात किया करती थी | उसकी चैट में निचले अफसरों को लेनदेन के निर्देश भी मिला करते थे | बताया जाता है कि झारखंड में जिस तर्ज पर पूजा सिंघल भ्रष्टाचार को अंजाम दे रही थी |

उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ के कुछ IAS अफसर भी सरकारी सरंक्षण में अवैध वसूली और भ्रस्टाचार को अंजाम दे रहे थे |  वे भी अधीनस्त अफसरों और कारोबारियों के सम्पर्क में थे | सूत्र बताते है कि छत्तीसगढ़ में ED जल्द ही कोई बड़ी कार्यवाही की ओर बढ़ रही है | उसे यहाँ के अफसरों से सम्बद्ध परदेश में , दुबई और सिंगापूर में मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता सुराग हाथ लगे है |

इसके अलावा कुछ अफसरों के बेनामी  {लेनदेन अवैध तरीके से करीबियों के नाम पर जमीनों की खरीद फरोख्त } में निवेश की पड़ताल भी जारी है |
 इधर झारखंड में पूजा सिंघल से जुड़े अफसरों और कारोबारियों से भी प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर कई सबूत हासिल किये है | इस मामले में पिछले 11 मई से जेल में बंद झारखंड की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल की करप्ट प्रैक्टिस को लेकर कोर्ट में ED ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं |

कोर्ट में ईडी की ओर से बताया गया है कि पूजा सिंघल कमीशन वसूली और लेन-देन से जुड़ी बात करने के लिए अपने कुक के मोबाइल नंबर से एप्पल के फेसटाइम ऐप के जरिए कॉल किया करती थीं. कुक का नाम अमित कुमार बताया गया है. तकनीकी तौर पर फेसटाइम ऐप के जरिए किए जाने वाले कॉल को ट्रेस और ट्रैक करना बेहद कठिन होता है. लेकिन ईडी ने गहन जांच कर इलेक्ट्रॉनिक सबूत इकट्ठा किये |

 सीए सुमन कुमार सिंह से पूछताछ के आधार पर पूजा सिंघल के ITR और अकाउंट  में ब्लैक मनी को व्हाइट में तब्दील किये जाने के प्रमाण मिले है | हालांकि, पूजा सिंघल की ओर से इन आरोपों से इनकार किया गया है. उनकी ओर से दायर बेल पिटिशन में कहा गया है कि उन्हें गलत आरोपों में साजिश के तहत फंसाया गया है | सीए सुमन कुमार सिंह ने लेनदेन को लेकर कई राज खोले है | CA से पूछताछ में पता चला है कि पूजा सिंघल के पास 2 पैन कार्ड थे | सिंघल ने आश्चर्यजनक रूप से अपने नाम पर 2 पैन कार्ड इश्यू करा रखे थे | 

ईडी की चार्जशीट के मुताबिक सीए सुमन कुमार सिंह ने माना है कि उसके आवास से 17.79 करोड़ की जो रकम बरामद की गई थी, उसमें ज्यादातर रकम पूजा सिंघल की है. उसने ईडी को ये भी बताया है कि वो पूजा सिंघल को 2012 से जानता है और उनके द्वारा अवैध रूप से वसूली जाने वाली राशि उसके पास पहुंचती थी. गौरतलब है कि बीते 6-7 मई को ईडी ने पूजा सिंघल के आवास, सीए सुमन कुमार सिंह के दफ्तर एवं आवास के साथ 2 दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस मामले में पूछताछ के बाद ईडी ने 11 मई को पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद ईडी ने उन्हें रिमांड पर लेकर कई दिनों तक पूछताछ की थी. ईडे के मुताबिक पूजा 
कई योजनाओं में घोटाले करने के लिए योजना तैयार करती थी | 

पूजा सिंघल झारखंड सरकार में खान एवं उद्योग विभाग के सचिव के तौर पर तैनात थीं. इसके पहले वो कई अहम पदों पर रही हैं. खूंटी और चतरा में डीसी के कार्यकाल के दौरान उन पर कई योजनाओं में घोटाले का आरोप लगा है. ईडी ने बताया है कि खूंटी के साथ-साथ चतरा में पूजा सिंघल जब बतौर डीसी पोस्टेड थीं, तब मनरेगा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं. ईडी ने पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा के जो बैंक स्टेटमेंट खंगाले हैं, उसके मुताबिक उपायुक्त की रूप में पदस्थापना के दौरान उन्हें जितनी सैलरी मिली, उसकी तुलना में उनके खाते में 1 करोड़ 43 लाख रुपये ज्यादा जमा हुए.  ईडी ने दावा किया है कि पूजा सिंघल ने आय से अधिक संपत्ति का इस्तेमाल अपने पति के रांची स्थित पल्स अस्पताल में किया है. एजेंसी ने पल्स संजीवनी के बैंक खातों की भी जांच की, इसमें पाया है कि 2012-13 और 2019-20 के बीच कंपनी ने कुल 69.17 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया, जबकि बैंक खातों में कुल क्रेडिट 163.59 करोड़ रुपये थे | 

ईडी की ओर से अदालत को दिए गए ब्योरे में पूजा सिंघल की रिश्वतखोरी से जुड़े प्रकरण के बारे में भी बताया गया है. इसके मुताबिक खूंटी में मनरेगा घोटाले के एक आरोपी अफसर ने ईडी को जानकारी दी है कि पूजा सिंघल जब खूंटी में डीसी थीं, तब जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा कई बार उन्हें सीधे रिश्वत की रकम पहुंचाता था | कई बार वो उनके अधीनस्थ अफसर को बंद बैग में रुपयों की गड्डी सौंपता था. अफसर रुपये भरे बैग को पूजा सिंघल के पास पहुंचा देते थे. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने उस अफसर को भी अभियुक्त बनाया है. अफसर के बयान के अनुसार, उसने 4 बार देखा कि जेई राम विनोद सिन्हा ने पूजा मैडम को पांच-पांच सौ रुपये के नोटों वाली 18-20 गड्डियां सीधे बतौर रिश्वत दी. ये राशि मनरेगा की योजनाओं में की जाने वाली गड़बड़ियों के एवज में दी जाती थी.

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