Maha Navami 2022: आज महानवमी, माँ सिद्धिदात्री की पूजा ,इन 4 मुहूर्त में न करें कन्या पूजन

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दिल्ली : आज नवरात्रि की नवमी तिथि है | नवमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा की जाती है। आज 4 अक्टूबर को देश में यज्ञ अनुष्ठान हो रहे है | शारदीय नवरात्रि की आज नवमी तिथि 4 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 3 अक्टूबर, सोमवार को दोपहर 04 बजकर 37 मिनट के बाद प्रारंभ होगी, जो कि 4 अक्टूबर, मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। 

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महानवमी कहते हैं। महानवमी के दिन मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। शास्त्रों के अनुसार, मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से भय, रोग और शोक का अंत होता है। इस तिथि पर कन्या पूजन का भी विधान है। 

कन्या पूजन के लिए नौ कन्याओं और एक लड़के की आवश्यकता होती है। नौ कन्याओं को मां का स्वरूप और लड़के को भैरव का स्वरूप मानकर पूजा की जाती है।अगर आपको नौ कन्याएं नहीं मिल रही हैं तो आप जितनी कन्याएं हैं उनका ही पूजन कर लें। बाकी कन्याओं के हिस्से का भोजन गाय को खिला दें।सबसे पहले कन्याओं और लड़के के पैरों को स्वच्छ जल से धोएं और उन्हें आसन पर बिठाएं।सभी कन्याओं और लड़के को तिलक लगाएं।

महानवमी पर ये शुभ योग है ,महानवमी के दिन रवि व सुकर्मा योग का शुभ संयोग बन रहा है। रवि योग 4 अक्टूबर को पूरे दिन रहेगा। सुकर्मा योग 4 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 23 मिनट के बाद प्रारंभ होगा ,राहुकाल- 03:07 PM से 04:35  PM ,यमगण्ड- 09:13  AM से 10:41 AM ,गुलिक काल- 12:10   PM से 01:38  PM ,दुर्मुहूर्त- 08:37  AM से 09:24  AM 

इसके बाद कन्याओं और भैरव स्वरूप लड़के की आरती करें।कन्याओं को भोजन खिलाएं। कन्याओं को भोजन खिलाने से पहले मंदिर में मां को भोग अवश्य लगा लें।कन्याएं जब भोजन कर लें तो फिर उन्हें प्रसाद के रूप में फल दें और अपने सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा अवश्य दें।सभी कन्याओं और भैरव स्वरूप लड़के के चरण स्पर्श भी करें।कन्याओं को सम्मान पूर्वक विदा करें। ऐसा माना जाता है कि कन्याओं के रूप में मां ही आती हैं।