दिल्ली : नवरात्र के चौथे दिन आज मां कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है । मां कुष्मांडा को कष्ट हरने वाली मां माना जाता है। विधिवत तरीके से मां कुष्मांडा की पूजा से यथोचित फल की प्राप्ति होती है | हिंदू धर्म में नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा की जाती है। आज अलौकिक देवी मां कुष्मांडा देवी की पूजा विधि -विधान से करें ।
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माना जाता है कि मां कुष्मांडा देवी ने सृष्टि की रचना की थी। कुष्मांडा एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है कुम्हड़ा यानी पेठा की बलि देना बताया जाता है । माना जाता है कि मां कुष्मांडा की पूजा करने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानिए मां कुष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्त, स्वरूप और मंत्र।
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सुबह उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद विधिवत तरीके से मां दुर्गा और नौ स्वरूपों के साथ कलश की पूजा कर मां दुर्गा को सिंदूर, पुष्प, माला, अक्षत आदि चढ़ाएं। इसके बाद मालपुआ का भोग लगाएं | फिर जल अर्पित कर घी का दीपक और धूप जलाकर मां दुर्गा चालीसा , दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।