betrayal In love: लवर को लवली बनाने प्रेमी ने जमीन बेचकर भेजा ऑस्ट्रेलिया, वापस लौटी प्रेमिका ने प्रेमी को पहचानने से भी किया इंकार

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सिरसा : युवती के मोहजाल में फंसे एक युवक के साथ धोखा हो गया है | वो भी ऐसा की “अब पछताय क्या होत ,जब चिड़िया चुग गई खेत” | दरअसल, इस युवक ने जमीन बेचकर अपनी मंगेतर को उसका कैरियर बनाने ऑस्ट्रेलिया भेजा था, लेकिन लड़की वहां से लौटी तो उसके मिजाज बदले हुए थे | उसने होने वाले पति से कहा कि अब तुम्हारी मुझे कोई जरूरत नहीं है | इसके बाद इस युवक के पैरो तले जमीन खिसक गई | मामला थाने तक जा पहुंचा है | 

हरियाणा के सिरसा जिले के ऐलनाबाद स्थित गांव बूढीमेड़ी में एक युवक को उसकी मंगेतर ने ही धोखा देकर कही का नहीं छोड़ा है | दरअसल ,इस युवक -युवती की प्रेम कहानी शादी तक पहुँच गई थी | दोनों उस वक्त खुश थे ,जब उनकी सगाई हुई | प्रेमिका से पत्नी बन रही इस युवती का कैरियर बनाने के लिए प्रेमी ने जमीन -जायदाद भी दांव पे लगा दी | उसने शादी से पहले ही जमीन बेचकर अपनी मंगेतर को ऑस्ट्रेलिया भेजा था, ताकि बाद में दोनों वहीं पर सेट हो जाएं | करीब 2 साल बाद अपना कैरियर बनाकर विदेश से लौटी प्रेमिका ने प्रेमी से शादी तो की, मगर रफूचक्कर भी हो गई | 

मौका मिलते ही “चट शादी पट धोखा” की तर्ज पर वह वापस विदेश भाग गई | जब उसके पति ने उससे फोन पर बात की तो उसने कहा कि यह सब विदेश जाने के लिए मेरा प्लान था, अब मैं विदेश रहूंगी और तुम्हारी मुझे कोई जरूरत नहीं है | यह सुनते ही पति सन्न हो गया | उसने अपनी पत्नी समेत सास -ससुर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है | उसने पत्नी से 26 लाख रुपए की वापसी की मांग की है | पुलिस के मुताबिक कर्ण दीप कौर 2 साल बाद विदेश से लौटी थी | उसकी अजमेर सिंह के साथ शादी हुई |

रानियां तहसील में शादी का रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया | लेकिन कर्णदीप शादी के एक सप्ताह बाद वापस ऑस्ट्रेलिया जाने की जिद करने लगी | उसने भरोसा दिलाया कि वह आस्ट्रेलिया जाकर वहां से फाइल भेजकर अजमेर सिंह को भी वहां बुला लेगी | इसके बाद वो परिजनों से मिलने अपने मायके चली गई और बाद में उन्हें बिना बताए विदेश भाग गई | पत्नी कर्णदीप कौर से जब पति अजमेर ने संपर्क किया तो उसने कहा कि,उसने विदेश जाने के लिए अपने मां बाप के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा था,अब मैं रहूंगी विदेश, तुम्हारी मुझे जरूरत नहीं है | इस मामले को लेकर गांव में कई बार पंचायतें भी हुई | लेकिन कोई हल नहीं निकला |