लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सियासी सरगर्मियां एक बार फिर तेज़ हो गई है | समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला | दरअसल ,उत्तर प्रदेश में आज से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ है | इस पैदल मार्च को लखनऊ पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया | पुलिस का कहना है कि सपा ने मार्च के दौरान रूट फॉलो नहीं किया है | इस मामले के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई | यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख के पैदल मार्च पर निशाना साधा है |
उन्होंने कहा, “आजादी का अमृत काल गरीब कल्याण के लिए समर्पित है, जनता ने जिन्हें पैदल किया वह पद यात्रा नहीं पदयात्रा के नाम पर केवल फोटो सेशन करा रहे है | सपा के पास मुद्दा है तो सदन में चर्चा करो.”
इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “किसी भी दल और व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कहीं कोई बुराई नहीं है. अगर समाजवादी पार्टी अनुमति मांगी होगी तो जो भी सरल मार्ग होगा प्रशासन ने उनको उपलब्ध कराया होगा |
मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी से यह उम्मीद करना कि वह किसी नियम या किसी शिष्टाचार को माने, यह केवल एक कपोल कल्पना ही कही जा सकती है |
वहीं सपा प्रमुख ने ट्वीट कर लिखा, “महंगाई, बेरोजगारी, बदहाल कानून-व्यवस्था और किसान, महिला व युवा उत्पीड़न जैसे जनहित के मुद्दों पर सपा के ‘पैदल मार्च’ के मार्ग में बाधा बनकर बीजेपी सरकार साबित कर रही है कि वह जन आक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित महसूस कर रही है. सत्ता जितनी कमजोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है.