AAP Mla Culprit :आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका ,दो विधायकों समेत आधा दर्जन कार्यकर्तोओं को दिल्ली कोर्ट ने दंगा भड़काने और पुलिस पर हमला का दोषी पाया ,दोषियों को कोर्ट 21 सितंबर को सजा का एलान ,जाएगी विधानसभा सदस्यता

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दिल्लीः आम आदमी पार्टी के दो विधायक गंभीर मामले में दोषी पाए गए है | विधायकों में अखिलेशपति त्रिपाठी और संजीव झा शामिल हैं। अखिलेशपति मॉडल टाउन से और संजीव झा बुराड़ी से विधायक हैं। कोर्ट ने इन विधायकों के साथ आम आदमी पार्टी के 15 और कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया है। इनमें बलराम झा, श्याम गोपाल गुप्ता, किशोर कुमार, ललित मिश्रा, जगदीश चंद्र जोशी,नीरज पाठक, राजू मलिक, अशोक कुमार, नरेंद्र सिंह रावत,  रवि प्रकाश झा, इस्माइल इस्लाम, मनोज कुमार, विजय प्रताप सिंह, हीरा देवी और यशवंत शामिल हैं। इन सभी आरोपियों की सजा पर 21 सितंबर को सुनवाई होगी।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी के दोनों विधायकों के वकील ने बचाव में कई तरह की दलीलें दीं। उन्होंने मामले को राजनैतिक करार देते हुए कहा कि जिस प्रदर्शन को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया, वह शांतिपूर्ण था। विधायक भीड़ को शांत करने वहां पहुंचे थे। उधर अभियोजन ने भी अपनी दलीले पेश की | आखिरकार कोर्ट ने आप के दावे को खारिज कर दिया। पुलिस ने इसको लेकर कई साक्ष्य पेश किए। अदालत ने पाया कि घटना के समय दोनों विधायक मौके पर मौजूद थे। यहां तक की भीड़ को भड़काने में भी उनकी भूमिका थी। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने व आपराधिक साजिश के आरोपों को खारिज कर दिया।

किसी विधायक या सांसद को अगर दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता चली जाती है। दोनों विधायकों पर जो धाराएं लगी हैं उनमें एक में दो साल तो एक में तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। अगर कोर्ट इन विधायकों को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाता है तो दोनों विधायकों की विधायकी जा सकती है।मामला 2015 का है।

दरअसल, बुराड़ी इलाके में दो बच्चों के साथ जबरदस्ती का मामला सामने आया था। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस दुष्कर्म के आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। एफआईआर भी दर्ज नहीं की जा रही है। इसी बीच आम आदमी पार्टी के संजीव झा और अखिलेश पति त्रिपाठी मौके पर पहुंच गए। दोनों की पुलिस से तीखी नोंकझोक हुई थी ।

इसके बाद मामला इतना बढ़ा कि तोड़फोड़ शुरू हो गई। और भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर हमला भी कर दिया। अपने बचाव में पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को तितर-बितर किया था । इस बवाल में चार-पांच गाड़ियां पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। तब पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था और दोनों विधायकों समेत कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।