Jammu-Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में विधान सभा चुनाव से पहले मोदी का बड़ा दांव , वैष्णव देवी समेत कश्मीर की सैर कराने वाले गरीब गुर्जर मुस्लिमो को राज्य सभा में हिस्सेदारी ,गुलाम अली बने पहले सांसद

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जम्मू : जम्मू-कश्मीर में आने वाले साल विधानसभा चुनाव के आसार हैं | उससे पहले पीएम मोदी ने यहाँ ऐसी चुनावी बिसात बिछाई है कि कांग्रेस समेत कश्मीर घाटी की कई क्षेत्रीय पार्टी को तगड़ा झटका लगा है | कांग्रेस से प्रभावित एक बड़े नेता को राज्यसभा के लिए हरी झंडी दे दी गई | केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के चर्चित नेता गुलाम अली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है |

राजनीति के जानकार यह सोचकर गच्चा खा गए कि गुर्जर मुस्लिम समुदाय के इस शख्स को मनोनीत सदस्य के रूप में उच्च सदन में भेजने का फैसला आखिर क्यों लिया |

दरअसल ,गुर्जर मुस्लिम समुदाय को न तो उनकी सामाजिक हैसियत के चलते जम्मू -कश्मीर में कोई तरजीह दी गई और न ही किसी भी सरकार में उन्हें कोई प्रतिनिधित्व दिया गया था | लिहाजा कई सालो से गुलामी की मार झेल रहे इस समुदाय को गुलाम अली के रूप में मोदी ने सियासी बिसात पर बैठा दिया है |

बीजेपी ने यहाँ अपनी बाज़ी चलते हुए इस समुदाय को नफ़रत की निगाहों से देखने वाले दलों को एक संदेश दिया है | उसकी माने तो पीएम मोदी ने सन्देश दिया है कि वे मोहब्बत करना और उसे निभाना भी जानते है |

जम्मू -कश्मीर में विपक्षी दल मोदी की राजनीति समझ तो रहे हैं लेकिन उन्हें इसका कोई तोड़ नजर नहीं आ रहा है | उनके राज्यसभा के दांव से मेहबूबा मुफ़्ती,फारुख -उमर अब्दुल्ला जैसे नेता भी सकते में है | 

बताया जाता है कि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले गुर्जर मुस्लिम समुदाय का विधायी निकायों में प्रतिनिधित्व ना के बराबर है | गौरतलब है कि नए समीकरणों से बीजेपी अब जम्मू-कश्मीर में भगवा लहराने की तैयारी कर रही है | कांग्रेस का दामन छोड़कर गुलाम नबी आज़ाद ने यहाँ नयी पार्टी का गठन किया है | माना जा रहा है कि  वह विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ वे ताल-मेल कर सकते है | फिलहाल तो गुर्जर मुस्लिम उसकी झोली में आ गए है |