रायपुर : छत्तीसगढ़ में आईटी -ईडी की लगातार रेड से राजनैतिक ,प्रशासनिक और व्यसायिक गलियारा बेहद सतर्क हो गया है | बावजूद इसके दोनों ही एजेंसिया काली कमाई पर शिंकजा कसने में कामयाब हो रही है | भले ही यह आरोप कई नेता लगा रहे है कि कांग्रेस शासित राज्यों में ही बीजेपी रेड करवा रही है | लेकिन आईटी ईडी की रेड में बरामद हो रही करोडो की नगदी और ब्लैकमनी के निवेश सामने आने से लोगो में आईटी ईडी पर भरोसा बढ़ने लगा है | उन्हें नजर आ रहा है कि एजेंसिया राजनैतिक भेद भाव से परे रह कर भ्रष्टाचार ख़त्म करने की मुहीम को अंजाम तक पहुँचाने में जुटी है |
छत्तीसगढ़ में एक माइनिंग अफसर के यहाँ करोडो की नामी-बेनामी सम्पत्ति और निवेश के अलावा माइनिंग लीज़,पट्टे और खदानों के आवंटन से जुड़े दस्तावेजों की बरामदगी हुई है | गैर कानूनी क्रिया कलापो के जरिये पिछले दो सालो से चल रहे गोरख-धंधे में शामिल नेताओ और उनके करीबियों के कारोबार में विभिन्न खनिजों की खदान आवंटन किस तरह से ब्लैकमनी का उत्पादन कर रहा है ? यह एक डायरी उजागर कर रही है | डायरी एजेंसियों के लिए मील का पत्थर साबित हुई है | सूत्रों की माने तो यह डायरी सूर्यकांत तिवारी के ठिकानों में हाल ही में हुई रेड के दौरान जब्त हुई थी |
एक आलीशान घर में निवासरत अफसर की आँखे उस समय फटी की फटी रह गई, जब उसकी अलमारी से कुछ खास दस्तावेजों की बरामदगी चल रही थी | प्रदेश में “माइनिंग का कीड़ा” के सम्बोधन से जाने पहचाने जाने वाले इस अफसर के चेहरे की हवाइयां उड़ती देख टीम भी हैरत में पड़ गई | सूत्र बताते है कि इस अफसर ने चीखते हुए अपनी पत्नी से कहा कि ” सूर्यकान्त” ने मरवा दिया रे बाबा… |
इसके बाद पूछताछ में अफसरों ने उस सूर्यकांत के बारे में कई जानकारियां हासिल की ,जिसका नाम यह शख्स जप रहा था | ” सूर्यकान्त” ने मरवा दिया रे बाबा…| इस दिलचस्प नज़ारे की चर्चा रायपुर से लेकर दिल्ली तक हो रही है | हालाँकि न्यूज़ टुडे ऐसी किसी डायरी के मिलने के घटनाक्रम आधिकारिक पुष्टि नहीं करता | बताया जाता है कि खदान आवंटन के खेल से सम्बंधित कई नामचीन नेताओ ,अफसरों और कारोबारियों के दस्तावेज़ी चिट्ठे एजेंसियों के हाथ लगे है | गौरतलब है कि आयकर की टीम ने छत्तीसगढ़ में कई माइनिंग अफसरों के ठिकानो में इन दिनों दबिश जारी रखी है |
राज्य में चल रही आईटी रेड से इस बार कई आईएएस ,आईपीएस और आईएफएस अफसरो के अलावा स्टील,कोयला और शराब कारोबारी समेत कुछ नामचीन ठेकेदारों के सतर्क होने की खबर आ रही है ,जो सूर्यकांत के करीबी बताए जाते है | बताया जा रहा है कि सूर्यकांत के ठिकानो पर पिछले दिनों पड़े छापे में कुछ अफसरों और कारोबारियों की आमदनी ,निवेश और रोजाना होने वाली कमाई का ब्यौरा मिला था | बताते है कि इस डायरी के एजेंसियों के हाथ लगने से कारोबारियों के अलावा अखिल भारतीय सेवाओं के कुछ अफसरों के निवेश संबंधी काले कारनामो का ब्यौरा भी जल्द सामने आ सकता है |
ये पुराने नहीं बल्कि नए चर्चित अफसर बताए जा रहे है | कहा जाता है कि प्रदेश में आईटी-ईडी की छापेमारी में आई तेज़ी का कारण मुख्यमंत्री बघेल के करीबी सूर्यकान्त तिवारी के ठिकानों से बरामद हुए काले चिट्ठे ही है ,जो आग में घी का काम कर रहे है |सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में ब्लैकमनी के स्रोतों को खोजने के बाद आयकर ने उसके माइक्रो इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट की जड़े भी खोदनी शुरू कर दी है | ताज़ा छापो को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है | फिलहाल ब्लैकमनी का “सूर्या ” रायपुर -भोपाल -दिल्ली में एजेंसियों के दफ्तर का चक्कर काट रहा है |