रांची : झारखण्ड विधानसभा में आज बीजेपी के वॉकआउट के साथ JMM गठबंधन ने विश्वास मत हासिल किया है | लेकिन सरकार के पक्ष में कितने वोट पड़े ,इससे ज्यादा चर्चा इस बात की छिड़ी है कि झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार का विश्वास मत हासिल करना क्या मायने रखता है ? सविंधान के जानकारों के मुताबिक राज्यपाल और चुनाव आयोग के अलावा बीजेपी ने ना तो फ्लोर टेस्ट की मांग की और ना ही सत्ताधारी दल के विधायक इधर से उधर हुए |
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बहरहाल 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन की पक्ष में 48 मत पड़े | विधानसभा में ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव पारित हुआ. इसके बाद मत विभाजन किया गया. हेमंत सोरेन के पक्ष में 48 मत पड़े जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं आया. इसके बाद स्पीकर ने सरकार द्वारा विश्वास मत साबित करने की घोषणा की. सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया
अब चर्चा राजनैतिक गलियारों में राज्यपाल के अगले कदम पर छिड़ी है | हालाँकि रमेश बैस के दिल्ली से राज भवन लौटते ही झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार की अग्नि परीक्षा का दौर शुरू होने का कयास लगाया जा रहा है | उनके विश्वास मत हासिल करने की कवायद को फिजूलखर्ची करार देने वाले नेताओ की लम्बी फेहरिस्त है | उनका मानना है कि राज्य में सत्ता की बागडोर नए हाथो में खिसकती नज़र आ रही है | इस बीच सोरेन ने सदन में विश्वामत प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, ”विपक्ष ने लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है. बीजेपी विधायकों को खरीदने की बात करती है. आज हम सदन में अपनी ताकत दिखाएंगे.”