झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल रमेश बैस की कार्यवाही से बचने के लिए उनके ही गृह नगर में डाला डेरा ,कुर्सी की हिफाजत और ED-CBI की कार्यवाही से बचाने के लिए छत्तीसगढ़ की शराब लॉबी ने उठाया बीड़ा,यहां भी विधायकों की बाडेबंदी

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रायपुर। पत्थर खनन आवंटन मामले में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है |राज्यपाल रमेश बैस को इस मामले में कानूनी सलाह भी प्राप्त हो चुकी है | कयास लगाया जा रहा है कि अगले कुछ घंटो में वे सोरेन सरकार का भविष्य तय कर सकते है | उधर सोरेन ने भी सरकार और साथियों के बचाव के लिए राज्यपाल रमेश बैस के गृहनगर रायपुर में डेरा डाल लिया है | उनके साथ कई विधायक और मैनेजर भी मौजूद है |

शाम को हवाई सफर कर सोरेन के कुनबे ने रायपुर की होटलों में दस्तक दी | यहाँ छत्तीसगढ़ की शराब लॉबी ने इनकी मेहमान नवाज़ी का पुख्ता बंदोबस्त किया है | यह लॉबी सोरेन और उनके साथियों को ED-CBI के शिंकजे से बचाने के लिए यहाँ-वहाँ हाथ मार रही है | इसके लिए कई दलालो को भी मैदान में उतारा गया है | बताया जाता है कि ED-CBI और आयकर से बचाव का प्रस्ताव मिलने के बाद सोरेन ने रायपुर का रुख किया है | पहले वे कोलकाता का रुख करने वाले थे लेकिन यहाँ की शराब लॉबी से बातचीत के बाद फ़ौरन उन्होंने इंडिगो एयरलाइन्स से संपर्क कर रायपुर पहुँचने की तैयारी की | बताया जाता है कि तमाम मामलो में उनके बचाव के लिए यहाँ उनकी कानून के जानकारों से भी मुलाकात कराने का बंदोबस्त किया गया है | 

इस बीच सोरेन को महागठबंधन के विधायकों में सेंधमारी का डर भी सता रहा है।लिहाज़ा छत्तीसगढ़ की शराब लॉबी ने सोरेन की कुर्सी बचाने से लेकर ED-CBI की संभावित कार्यवाही से बच निकलने का रोड मैप तैयार किया है | रायपुर पहुँच कर सोरेन ने राहत की सांस ली है | उनके करीबियों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में कानून का नहीं बल्कि कानून तोड़ने वालों का राज़ है,इसलिए वे यहाँ सुरक्षित महसूस कर रहे है | उधर राजनैतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि महाराष्ट्र में हाल ही में शिवसेना में हुई टूट की तर्ज़ पर महागठबंधन के विधायक भी पाला बदल सकते हैं इसलिए उन्हें रायपुर में शराब लॉबी के कब्ज़े में भेजा गया है।

वही कल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने केंद्र पर एक बार फिर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि केंद्र की सरकार देश के आधे से ज्यादा राज्यों की सरकारों को गिराने की साजिशों में लगी है. ऐसे में पता नहीं इस देश का भविष्य क्या होगा? आज जब देश वैश्विक महामारी से उबरने की कोशिश कर ही रहा है, तब उनका फोकस आम जनता, मजदूर, किसान, नौजवान पर ना होकर सरकार बिगाड़ो-बनाओ और बेचो-खरीदो जैसे काम पर है. इन व्यापारियों का खरीद-फरोख्त के सिवा कोई दूसरा काम ही नहीं है. पर हम इन व्यापारियों को जवाब देंगे, देश की जनता उन्हें जवाब देगी, उनकी हर करतूत पर देश की नजर है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने विधायकों की टूट का डर इस कदर सताया है कि वे उनका साथ नहीं छोड़ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि अब सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सुरक्षित हाथों में शिफ्ट किया गया है | बता दें कि इससे पहले सोरेन अपने सभी विधायकों को रांची से लगभग 30 किमी दूर खूंटी पहुंचे थे और लतरातू बांध के पास एक झील में नाव की सवारी के लिए जाते देखे गए थे।लाभ के पद के मामले में सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की भाजपा की याचिका के बाद चुनाव आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेजा है।उधर एक संयुक्त बयान में यूपीए विधायकों ने कहा, क्या राजभवन समय बढ़ाकर (निर्णय को सार्वजनिक करने में) खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देना चाहता है? … कानूनी सलाह क्या है जो वह लेने में सक्षम नहीं हैं? यह लोकतंत्र और लोगों का अपमान है।”