Tomato Flu: अब इस वायरस ने बढ़ाई लोगों की चिंता, जानिए किसे है खतरा, क्या हैं लक्षण और बचाव

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What is Tomato Flu: दुनियाभर में कोरोना वायरस (Corona Virus), मंकीपॉक्स (Monkeypox) और स्वाइन फ्लू (Swine Flu) का खतरा अभी खत्म भी नहीं हुआ कि एक और वायरस ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है. दरअसल, यह वायरस टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) यानी टमाटर बुखार है. कई राज्यों में इसके केस आ रहे हैं. भारत के दक्षिणी राज्य केरल में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में इसके मामले सबसे ज्यादा आ रहे हैं.

5 साल से कम उम्र वालों में ज्यादा दिक्कत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल के कोल्लम जिले में अब तक इस वायरस के कई मरीज मिले हैं. आसपास के इलाकों आंचल, आर्यनकावु और नेदुवथुर में भी कुछ बच्चों में टोमैटो फ्लू की शिकायत मिली है. लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल के एक अध्ययन के अनुसार, “टोमैटो फ्लू” की पहचान सबसे पहले भारत में 6 मई को हुई थी और अब तक इससे 82 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं, जिनकी उम्र पांच साल से कम है. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि 5 से 10 साल तक की उम्र वाले करीब 26 बच्चों में टोमैटो फ्लू होने की आशंका है.

क्या टोमैटो फ्लू जानलेवा है
स्टडी में उल्लेख किया गया है कि यह दुर्लभ वायरल संक्रमण एक स्थानिक स्थिति में है और यह यह जिंदगी के लिए उतना खतरनाक नहीं है, लेकिन COVID-19 महामारी के भयानक अनुभव के कारण इसके आगे के प्रकोप को रोकने की जरूरत है.

किसे है इससे ज्यादा खतरा
लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है, बच्चों को टोमैटो फ्लू के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस आयु वर्ग में वायरल संक्रमण आम है और इसका संक्रमण किसी दूसरे के संपर्क में आने से हो जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार, संक्रमण में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के समान समानताएं हैं.

क्या हैं इसके लक्षण
इसे टोमैटो फ्लू इसलिए कहते हैं क्योंकि इससे पीड़ित होने पर मरीज की त्वचा पर लाल छाले पड़ जाते हैं. इसके अन्य लक्षणों में बुखार और जोड़ों में दर्द शामिल हैं. इसके अलावा उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन और शरीर में दर्द जैसी समस्या भी इससे पीड़ित होने पर आती है. कुछ केस में अंगों के रंग में भी बदलाव देखा गया है.

क्या बरतें सावधानी
अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि अन्य प्रकार के इन्फ्लुएंजा के समान, टोमैटो फ्लू बहुत संक्रामक है और इसके कन्फर्म या संदिग्ध मरीज से दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है. अगर कोई इसकी चपेट में आ रहा है तो उसे 5-7 दिनों के लिए आइसोलेशन में रहना चाहिए. अध्ययन में बताया गाय है कि इसके रोकथाम के लिए सबसे अच्छा उपाय उचित स्वच्छता बनाए रखना है. संक्रमित बच्चे को गैर-संक्रमित बच्चों के साथ खिलौने, कपड़े, भोजन या अन्य सामान साझा करने से बचना चाहिए.