दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्टील एथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) द्वारा संचालित भिलाई स्टील प्लांट में बड़ा हादसा हो गया है. इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शॉप (एसएमएस)-3 में लैडल फटा है. एसएमएस-3 का लैडल फटने की वजह की 20 टन हॉट मैटल बह गया है. इसके बाद आसपास भीषण आग लग गई. राहत की बात है कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन प्रबंधन को करोड़ों रुपयों के नुकसान की आशंका जताई जा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक बीते रविवार को प्यूरीफाई कर हॉट मैटल को कास्टिंग के लिए लेजाया जा रहा था. लेकिन इसी दौरान लैडल फट गया और ये हादसा हो गया. सप्ताह भर के भीतर ये दूसरा बड़ा हादसा है. इसके पूर्व बीते गुरुवार को भी लैडल फटने से 120 टन हॉट मैटल बह गया था. उस वक्त भी भीषण आगजनी में करोड़ों का केबल और कंट्रोल रूम पूरी तरह से जल गया था. लगातार हो रहे हादसों को लेकर अब बीएमएस के कार्यकारी अध्य्क्ष चिन्ना केशवलु ने हादसे के लिए बीएसपी प्रबंधन को दोषी ठहराया है.
ठेका श्रमिकों से लिया जा रहा काम
चन्ना केशवलु का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में लगातार ठेका श्रमिकों से कार्य लिया जा रहा है. जिस जगह में यह हादसा हुआ है. वहां भी ठेका श्रमिक कार्य कर रहे थे. यदि अनुभवी बीएसपी की कर्मी होते तो शायद इस घटना को टाला जा सकता था. बता दें कि इन दोनों हादसों से पहले 23 जून को भी भिलाई स्टील प्लांट में बड़ा हादसा हुआ था. तब स्टील प्लांट के बार एंड रॉड मिल में अचानक ही भीषण आग लग गई. देखते ही देखते आग भड़क गई थी. आग भड़कने से कार्य कर रहे कर्मिकों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था. कार्मिकों ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. दुर्घटना के बाद से सरिया का उत्पादन कुछ घंटों के लिए ठप हो गया था. जिसके चलते बड़ा आर्थिक नुकसान भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को हुआ था.